Fri, 20 September 2024 03:35:57am
बढ़ते खर्च और महंगाई को देखते हुए सरकार बजट में स्टैंडर्ड डिडक्शन को 50,000 रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये कर सकती है। परामर्श फर्म केपीएमजी का कहना है कि बजट में होम लोन ब्याज पर कर छूट बढ़ाने और पूंजीगत लाभ कर व्यवस्था को युक्तिसंगत बनाए जाने की उम्मीद है।
केपीएमजी ने एक टिप्पणी में कहा, चिकित्सा खर्च, ईंधन लागत और समग्र महंगाई में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। ऐसे में अधिक खर्च करने योग्य आय उपभोक्ताओं के हाथ में देने के लिए उम्मीद है कि नई कर व्यवस्था के तहत मूल कर छूट सीमा को तीन लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये किया जा सकता है। टिप्पणी में होम लोन के संबंध में कहा गया कि ब्याज दरों में हालिया वृद्धि और विनियामक सुधारों के कारण रियल एस्टेट क्षेत्र पर दबाव बढ़ रहा है। इन चुनौतियों को कम करने और मकान खरीदने को बढ़ावा देने के लिए सरकार होम लोन ब्याज पर छूट को 2.50 लाख से बढ़ाकर तीन लाख कर सकती है।
बजट सत्र में पेश हो सकता है संशोधन विधेयक
सरकार 2047 तक सभी के लिए बीमा के लक्ष्य को हासिल करने के लिए आगामी बजट सत्र में बीमा अधिनियम-1938 में संशोधन वाला विधेयक पेश कर सकती है। सूत्रों ने बताया, संशोधन विधेयक में शामिल किए जा सकने वाले कुछ प्रावधानों में समग्र लाइसेंस, अंतर पूंजी, सॉल्वेंसी मानदंडों में राहत, कैप्टिव लाइसेंस जारी करना, निवेश नियमों में बदलाव और बीमा कंपनियों को अन्य वित्तीय उत्पाद वितरित करने की अनुमति देना शामिल हैं।