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मां की हुई कांवड़ यात्रा की इच्छा: कलयुगी श्रवण कुमार बने बहु-बेटा, कंधे पर बैठाकर छह दिन में तय करेंगे 65 KM की दूरी



अजय त्यागी 2024-07-22 10:37:07 उत्तर प्रदेश

कलयुगी श्रवण कुमार बने बहु-बेटा - Photo : amarujala
कलयुगी श्रवण कुमार बने बहु-बेटा - Photo : amarujala

सावन के पहले सोमवार के साथ भगवान शिव को समर्पित सावन माह की शुरुआत हो गई है। शिव भक्ति में लीन कांवड़िए जल भरने के लिए अनूपशहर गंगा तट पर पहुंच रहे हैं। सोमवार सुबह से जल भरने का सिलसिला देर सांय तक चला। देर सांय के पश्चात कांवड़िए अपने गंतव्य पर रवाना हो गए। वहीं इस कलयुग में कुछ कांवड़िए श्रवण कुमार का रूप लिए दिखे। वृद्ध मां की कावड़ यात्रा की इच्छा होने पर पहासू क्षेत्र निवासी युवक रामकुमार व उनकी पत्नी लक्ष्मी उन्हें लेकर अनूपशहर गंगा तट पहुंचे। जहां से जल भरने के पश्चात युवक रामकुमार व पत्नी लक्ष्मी वृद्ध मां को कांवड़ में बैठाकर अपने गंतव्य के लिए रवाना हुए।

65 किलोमीटर की दूरी छह दिन में करेंगे पूरी 
पहासू क्षेत्र निवासी युवक रामकुमार ने बताया कि उनकी 60 वर्षीय मां सरोज देवी की इच्छा कांवड़ यात्रा की हुई। अपनी इच्छा से वृद्ध मां ने उन्हें अवगत कराया। जिसके बाद वृद्ध मां की इच्छा पूरी करने के लिए वह एवं उनकी 28 वर्षिय पत्नी लक्ष्मी उन्हें लेकर अनूपशहर गंगा घाट पहुंचे। जहां से जल भरने के पश्चात वृद्ध मां को कांवड़ में बैठाकर अपने गंतव्य के लिए रवाना हुए। युवक रामकुमार ने बताया कि वह अनूपशहर गंगा तट से जल भरकर पहासू क्षेत्र स्थित शिवालय में चढ़ाएंगे। शिवालय की दूरी अनूपशहर से करीब 65 किलोमीटर है। वह इस दूरी को छह दिन में पूरी कर सावन के द्वितीय सोमवार यानी 29 जुलाई को गांव स्थित शिवालय में जिलाभिषेक करेंगे। इस दौरान वह प्रतिदिन 10 किलोमीटर चलेंगे।

श्रवण कुमार बने बहू बेटे की चारों ओर हो रही चर्चा 
वहीं इस उमस भरे मौसम में 65 किमी के सफर की परवाह किए बगैर माँ को कांवड़ पर बैठाकर भगवान शिव का जलाभिषेक करने निकले रामकुमार की हर कोई तारीफ कर रहा है।



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