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Related Tags: पारादीप पोर्ट, इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजना, ट्रॉमा केयर सेंटर, पानी शुद्धिकरण संयंत्र, पोर्ट सुधार


13 करोड़ रुपये के परियोजनाओं से बढ़ेगा पारादीप पोर्ट का इंफ्रास्ट्रक्चर



अजय त्यागी 2024-07-30 01:17:10 व्यापार

13 करोड़ रुपये के परियोजनाओं से बढ़ेगा पारादीप पोर्ट का इंफ्रास्ट्रक्चर
13 करोड़ रुपये के परियोजनाओं से बढ़ेगा पारादीप पोर्ट का इंफ्रास्ट्रक्चर

पारादीप पोर्ट पर इंफ्रास्ट्रक्चर में बड़ा बदलाव आने वाला है। 13 करोड़ रुपये से अधिक के प्रमुख परियोजनाओं की घोषणा की गई है। इस बदलाव से न केवल पोर्ट के कार्य में सुधार होगा, बल्कि स्थानीय निवासियों को भी बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।

पारादीप पोर्ट में इंफ्रास्ट्रक्चर सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, बंदरगाह पर कई नई परियोजनाओं की शुरुआत की गई है। हाल ही में, बंदरगाह पर 13 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली परियोजनाओं का उद्घाटन और आधारशिला रखी गई है। इस पहल से न केवल पोर्ट की क्षमता में वृद्धि होगी, बल्कि स्थानीय समुदाय को भी लाभ मिलेगा।

ट्रॉमा और बर्न केयर सेंटर: पारादीप पोर्ट अस्पताल में 2.90 करोड़ रुपये की लागत से ट्रॉमा और बर्न केयर सेंटर का उद्घाटन किया गया है। इस सेंटर में ट्रॉमा और बर्न के शिकार मरीजों के लिए आधुनिक उपचार और पुनर्वास सेवाएं प्रदान की जाएंगी। उद्घाटन के अवसर पर, पोर्ट के अधिकारियों ने कहा कि यह सेंटर आसपास के क्षेत्रों के लिए एक महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सेवा साबित होगा।

पानी की शुद्धिकरण परियोजना: पोर्ट पर एक नई पानी शुद्धिकरण संयंत्र की आधारशिला रखी गई है, जिसकी लागत 10.50 करोड़ रुपये है। इस परियोजना के तहत, तालडांडा कैनाल से कच्चा पानी प्राप्त किया जाएगा और इसे शुद्ध कर प्रतिदिन 16 मिलियन लीटर पानी की आपूर्ति की जाएगी। यह संयंत्र दिसंबर 2024 तक पूरा होने की उम्मीद है, जिससे पोर्ट टाउनशिप के निवासियों को गुणवत्तापूर्ण पेयजल मिलेगा।

पारादीप पोर्ट, इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजना

पोर्ट की समीक्षा और सुधार: श्री टी.के. रामचंद्रन, सचिव, पोर्ट्स, शिपिंग और जलमार्ग मंत्रालय, ने पारादीप पोर्ट प्राधिकरण के कार्यों की समीक्षा की और विभिन्न विभागों के प्रमुखों के साथ बातचीत की। उन्होंने पोर्ट संचालन, योजना और विस्तार का निरीक्षण किया और उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए कई सुधार उपाय सुझाए।

भविष्य की योजनाएं: पारादीप पोर्ट का लक्ष्य 2047 तक 10,000 MTPA की पोर्ट हैंडलिंग क्षमता हासिल करना है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए पोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर और सुविधाओं में सुधार की योजना बनाई गई है। इसके अलावा, सरकार और संबंधित अधिकारी निजी भागीदारी के माध्यम से बंदरगाह के विकास को बढ़ावा देने के लिए काम कर रहे हैं।

सागरमाला कार्यक्रम के एक हिस्से के रूप में, 2015-2035 के दौरान कार्यान्वयन के लिए 5.5 लाख करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाली 800 से अधिक परियोजनाओं की पहचान की गई है। एक निकट लक्ष्य में, मैरीटाइम इंडिया विजन (एमआईवी) 2030 का लक्ष्य भारत में वैश्विक मानक पत्‍तनों का विकास करना है। एमआईवी 2030 में भारतीय पत्‍तनों पर क्षमता वृद्धि और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 1 से 1.25 लाख करोड़ रुपये के निवेश का अनुमान है।

पारादीप पोर्ट में इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए यह कदम न केवल स्थानीय समुदाय के लिए फायदेमंद होगा बल्कि देश के सबसे बड़े कार्गो हैंडलिंग बंदरगाह की क्षमता और उत्पादकता में भी वृद्धि करेगा।



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