Fri, 20 September 2024 03:35:19am
हिमाचल प्रदेश की हसीन वादियों में एक बार फिर से कुदरत का कहर बरपा है। भुंतर में पार्वती नदी का जलस्तर अचानक से बढ़ गया और मलाना घाटी में बादल फटने की वजह से कई इलाकों में भारी तबाही मच गई है।
हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले के भुंतर और मलाना घाटी में बादल फटने की घटनाओं के बाद हालात गंभीर हो गए हैं। पार्वती नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ गया है, जिससे नदी के किनारे बसे गांवों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। इस आपदा में कई मकान बह गए हैं और पुल टूट गए हैं, जिससे आवागमन पूरी तरह से बाधित हो गया है।
मलाना पावर प्रोजेक्ट के करीब 25 कर्मचारियों को सुरक्षित निकाल लिया गया है, लेकिन कई लोग अब भी लापता हैं। राज्य आपदा प्रबंधन निदेशक सुधेश मोख्ता के अनुसार, कुल्लू जिले के चौज गांव में 4 से 6 लोग लापता हैं और उन्हें खोजने के प्रयास जारी हैं। प्रशासन ने नदी के किनारे बसे गांवों को सतर्क रहने की चेतावनी दी है, क्योंकि लार्जे और पंडोह डैम के फ्लडगेट्स खोले जा रहे हैं।
पार्वती घाटी का महत्व
पार्वती नदी, जो हिमाचल प्रदेश के खूबसूरत पार्वती घाटी से होकर गुजरती है, स्थानीय अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है। यह नदी न केवल कृषि के लिए जल आपूर्ति करती है, बल्कि पर्यटन का भी एक प्रमुख केंद्र है।
पूर्व की आपदाएं
हिमाचल प्रदेश में मानसून के दौरान अक्सर बादल फटने और बाढ़ की घटनाएं होती रहती हैं, जिससे स्थानीय लोगों को काफी नुकसान होता है। पिछले कुछ वर्षों में ऐसी कई घटनाएं हो चुकी हैं।
हिमाचल प्रदेश के भुंतर में उफनती पार्वती नदी… मलाना घाटी में बादल फटने के बाद की हालत
— Umashankar Singh उमाशंकर सिंह (@umashankarsingh) August 1, 2024
pic.twitter.com/Wyn0Q4SsY6