Fri, 20 September 2024 03:36:09am
भारतीय कैबिनेट ने देश की आधारभूत संरचना को मजबूत करने के उद्देश्य से 8 बड़े हाईवे प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दे दी है, जिसमें आयोध्या में रिंग रोड का निर्माण भी शामिल है। इन प्रोजेक्ट्स की कुल लागत 50,655 करोड़ रुपये आंकी गई है। आइए, जानते हैं इन प्रोजेक्ट्स की खास बातें और उनके पीछे की वजहें।
भारतीय कैबिनेट ने हाल ही में 8 बड़े हाईवे प्रोजेक्ट्स को हरी झंडी दी है, जिसमें आयोध्या के लिए रिंग रोड का प्रोजेक्ट भी शामिल है। ये प्रोजेक्ट्स देश के विभिन्न हिस्सों में ट्रैफिक की समस्या को हल करने और कनेक्टिविटी को बढ़ाने के उद्देश्य से शुरू किए जा रहे हैं।
आयोध्या में बनने वाले रिंग रोड का प्रोजेक्ट 3,564 करोड़ रुपये की लागत से पूरा किया जाएगा। इस रिंग रोड के बन जाने से आयोध्या और उसके आस-पास के जिलों में ट्रैफिक का दबाव कम होगा और यात्रा में लगने वाला समय भी घटेगा। इसके अलावा, यह परियोजना पर्यटकों और तीर्थयात्रियों के लिए भी सुविधाजनक होगी, जो भगवान राम की नगरी आयोध्या की यात्रा करते हैं।
इन 8 प्रोजेक्ट्स में कुल 50,655 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा, जिसमें प्रमुख हाइवे और बाइपास का निर्माण शामिल है। इन प्रोजेक्ट्स के तहत, गुवाहाटी में 121 किलोमीटर लंबा रिंग रोड भी बनाया जाएगा, जो 5,729 करोड़ रुपये की लागत से पूरा होगा। इसके अलावा, खड़गपुर-मोरग्राम नेशनल हाई-स्पीड कॉरिडोर भी बनेगा, जिसकी लागत 10,247 करोड़ रुपये होगी।
प्रोजेक्ट्स की पृष्ठभूमि
पिछले एक दशक में भारत सरकार ने देश में विश्व स्तरीय सड़क इंफ्रास्ट्रक्चर को विकसित करने पर जोर दिया है। राष्ट्रीय राजमार्गों की लंबाई में 2013-14 से अब तक लगभग 1.6 गुना की वृद्धि हुई है। इसके साथ ही, राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण की औसत वार्षिक दर भी लगभग 2.4 गुना बढ़ गई है।
इन प्रोजेक्ट्स का उद्देश्य देश की आर्थिक विकास दर को बढ़ाना और नागरिकों की जीवन गुणवत्ता में सुधार करना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कैबिनेट ने इन प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी है ताकि देश की आधारभूत संरचना को और मजबूत किया जा सके।