Fri, 20 September 2024 03:02:34am
क्या आप जानते हैं कि जीवन और स्वास्थ्य बीमा पर लगने वाला 18% GST कितना भारी पड़ सकता है? पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसे जन-विरोधी करार देते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से इस कर को हटाने की मांग की है। आइए जानते हैं इस पत्र की पूरी कहानी और इसके पीछे की वजहें।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने जीवन और स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर लगने वाले 18% GST को जन-विरोधी बताते हुए इसे वापस लेने की मांग की है। ममता बनर्जी ने अपने पत्र में कहा कि जीवन और स्वास्थ्य बीमा आर्थिक सुरक्षा के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं, विशेष रूप से बीमारी, दुर्घटना और अप्रत्याशित मौत के मामलों में।
बनर्जी ने कहा कि इस GST वृद्धि के कारण आम जनता पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा और लोग बीमा खरीदने या उसे बनाए रखने से हिचकिचाएंगे, जिससे वे वित्तीय संकट के प्रति और अधिक असुरक्षित हो जाएंगे। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर इस जन-विरोधी कर नीति को वापस नहीं लिया गया, तो उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस इसके खिलाफ आंदोलन शुरू करेगी।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि GST की दरों में किसी भी तरह का बदलाव करने के लिए व्यापक विचार-विमर्श की आवश्यकता है, और यह केवल केंद्र सरकार का निर्णय नहीं है बल्कि इसमें सभी राज्य सरकारों की भी सहमति जरूरी है।
गौरतलब है कि बीमा पर GST लगाने का फैसला 2017 में GST लागू होने के बाद से ही विवादों में रहा है। GST परिषद ने इसे सरकार की राजस्व बढ़ाने की रणनीति के तहत लागू किया था। हालांकि, कई विशेषज्ञों और राजनीतिक नेताओं ने समय-समय पर इस कर की आलोचना की है, खासकर जब यह स्वास्थ्य और जीवन बीमा जैसी आवश्यक सेवाओं पर लगाया गया है।