Fri, 20 September 2024 03:04:17am
भारत के कृषि क्षेत्र में इस साल ख़रीफ़ फसल की बुआई ने एक नई ऊंचाई छू ली है। पिछले साल के आंकड़ों को पछाड़ते हुए, धान, दालें और तिलहन की बुआई में इस साल अभूतपूर्व वृद्धि दर्ज की गई है। यह सकारात्मक बदलाव कृषि विशेषज्ञों के साथ-साथ किसानों के लिए भी खुशखबरी लेकर आया है, जो इस फसल की बम्पर उपज की उम्मीद जता रहे हैं।
भारत के कृषि विभाग ने हाल ही में ख़रीफ़ फसल की बुआई के ताजे आंकड़े जारी किए हैं, जो कि कृषि क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि को दर्शाते हैं। इस साल, ख़रीफ़ फसल की बुआई ने पिछले साल के आंकड़ों को पार कर लिया है, और धान, दालें और तिलहन की बुआई में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है।
धान की बुआई में इस साल लगभग 20% की वृद्धि हुई है, जबकि दालों और तिलहन की बुआई में भी क्रमशः 15% और 18% की वृद्धि दर्ज की गई है। इस वृद्धि का मुख्य कारण मौसमी बरसात के अनुकूल हालात और कृषि विशेषज्ञों द्वारा अपनाए गई नए उन्नत तकनीकी विधियां हैं।
कृषि मंत्रालय के अनुसार, इस साल ख़रीफ़ फसल की बुआई के लिए एक लाख हेक्टेयर से अधिक भूमि पर काम किया गया है, जो पिछले साल की तुलना में काफी अधिक है। इसके अतिरिक्त, सरकार द्वारा प्रदान की गई सुविधाएं जैसे कि सब्सिडी, बीज की उपलब्धता और कृषि ऋण की आसान पहुंच ने भी इस वृद्धि को प्रेरित किया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस साल की बुआई की वृद्धि से न केवल खाद्य सुरक्षा में सुधार होगा, बल्कि किसानों की आय में भी वृद्धि होगी। इससे कृषि क्षेत्र की स्थिरता और समृद्धि को बढ़ावा मिलेगा।
इस सकारात्मक विकास का मुख्य कारण इस वर्ष मानसून की अच्छी स्थिति और सरकार की किसान केंद्रित नीतियां हैं। भारत सरकार ने कृषि क्षेत्र को समर्थन देने के लिए कई योजनाएं और सब्सिडी प्रदान की हैं, जिससे किसानों को बेहतर बीज, उर्वरक और तकनीकी सहायता मिली है। इसके अलावा, मौसम की अनुकूल परिस्थितियों ने भी फसल की बुआई को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
India's kharif crop sowing outpaces previous year figures; paddy, pulses, oilseeds all leading
— ANI Digital (@ani_digital) August 2, 2024
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