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संविधान, असमानता के खिलाफ एक शक्तिशाली औजार - CJI चंद्रचूड़



अजय त्यागी 2024-08-08 12:45:07 हरियाणा

13वें दीक्षांत समारोह में मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़
13वें दीक्षांत समारोह में मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ ने बुधवार को ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी के 13वें दीक्षांत समारोह में छात्रों से संविधान की शक्ति को समझने और अपने आसपास हो रहे अन्याय को पहचानने का आह्वान किया। उनका यह संदेश न केवल छात्रों के लिए ही नहीं बल्कि पूरे समाज के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश था, जो हमें संविधान की भूमिका और महत्व को याद दिलाता है।

अन्याय को समझने के लिए करूणा की दृष्टि की जरूरत
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि संविधान ऐसी असमानता को रोकने के लिए एक शक्तिशाली औजार है। यह ऐसी संस्थाओं और संरचनाओं का निर्माण करता है जो स्पष्ट या अदृश्य असमानता से रक्षा करती हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि हमारे समाज में तर्क की आवाज की आवश्यकता है, क्योंकि शोरगुल और स्वच्छंद जुनून से समाज को खतरा हो सकता है। न्याय का अर्थ अलग-अलग संदर्भों में अलग हो सकता है, और अपने आसपास हो रहे अन्याय को जानने-समझने के लिए करूणा की दृष्टि आवश्यक है।

संविधान की दीर्घायु निर्माताओं की बुद्धिमत्ता को दर्शाती है
सीजेआई चंद्रचूड़ ने संविधान की दीर्घायु पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह हमारे निर्माताओं की बुद्धिमत्ता को दर्शाता है, जो संविधान को कठोर मानक और भंगुर दस्तावेज बनाए बिना इसमें आधारभूत तत्वों को शामिल करने के लिए पर्याप्त दूरदर्शी थे। उन्होंने कहा कि संविधान हमारे लोकतंत्र के लिए एक मजबूत आधार है और साथ ही पर्याप्त रूप से लचीला भी है।

असमानता और समानता की जटिलताएं
चंद्रचूड़ ने कहा कि असमानता अन्यायपूर्ण है, लेकिन समानता के बारे में हमारे अलग-अलग विचार हो सकते हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या व्यवहार की समानता हमेशा समानता को बढ़ावा देती है या कभी-कभी यह हमें और दूर कर देती है? क्या कानून केवल प्रकट असमानता या सुरक्षात्मक भेदभाव और गैर-हस्तक्षेप के आवरण में छिपी असमानता को लक्षित करता है?

समाधान, मुद्दों की तरह ही सूक्ष्म हैं
सीजेआई ने कहा कि मुख्य बात यह है कि हम कई जटिल असमानताओं के बीच रहते हैं और इनमें से कुछ समस्याओं के लिए कोई सीधा-सादा या सख्त कानूनी समाधान नहीं है। समाधान, मुद्दों की तरह ही सूक्ष्म होते हैं और उन्हें एक दयालु, ईमानदार पेशेवर समाधान की आवश्यकता होती है। उन्होंने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि अब आप सभी ऐसे समाधान तैयार करने में सक्षम हैं।

संविधान, सामाजिक न्याय और लोकतंत्र का आधार
मुख्य न्यायाधीश ने यह भी कहा कि हमारी सामाजिक व्यवस्था सभी मामलों में सही नहीं है और कभी-कभी हमारी वर्तमान समस्याएं अंतर्निहित खामियों के साथ बढ़ सकती हैं। संविधान हमारे लोकतंत्र के लिए एक मजबूत आधार है और यह असमानता और अन्याय के खिलाफ हमारी लड़ाई में एक महत्वपूर्ण औजार है।

CJI चंद्रचूड़ की अपील: छात्रों को संदेश
चंद्रचूड़ ने छात्रों से अपने आसपास की दुनिया में अन्याय को उसके सभी पहलुओं से समझने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि असमानता और अन्याय के खिलाफ लड़ाई में संवेदनशीलता और समझ की आवश्यकता होती है।

अतीत में हुई घटनाएं और उनके समाधान
पिछले कुछ वर्षों में, भारतीय न्यायपालिका ने असमानता और अन्याय के खिलाफ कई महत्वपूर्ण फैसले दिए हैं। 2018 में, सुप्रीम कोर्ट ने धारा 377 को समाप्त करते हुए समलैंगिकता को अपराध मुक्त किया। यह फैसला संविधान के मौलिक अधिकारों के तहत समानता और स्वतंत्रता के अधिकार की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम था। इसी प्रकार, 2019 में, सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या विवाद पर ऐतिहासिक फैसला सुनाया, जो दशकों से चली आ रही असमानता और संघर्ष को समाप्त करने का प्रयास था।



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