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साइबर ठगी का नया तरीका: IAS अधिकारी के नाम पर बना रहे निशाना



अजय त्यागी 2024-08-08 08:00:16 मध्य प्रदेश

साइबर ठगी का नया तरीका - Photo : Rex TV India
साइबर ठगी का नया तरीका - Photo : Rex TV India

मध्यप्रदेश में साइबर ठगी के मामलों में तेजी से इजाफा हो रहा है, और अब ये जालसाज सीधे राज्य के उच्च अधिकारियों को निशाना बना रहे हैं। हाल ही में राज्य के जबलपुर, धार, सिवनी, उमरिया, शहडोल, और अब अलीराजपुर के कलेक्टरों के नाम से फर्जी व्हाट्सएप और फेसबुक अकाउंट्स बनाए गए। इन अकाउंट्स के जरिए जालसाज लोगों से पैसे की मांग कर रहे हैं, और कई लोग इनके जाल में फंस चुके हैं।

मध्यप्रदेश के अलीराजपुर जिले के कलेक्टर डॉ. अभय अरविंद बेडेकर के नाम से फर्जी व्हाट्सएप अकाउंट बनाकर ठगी की जा रही है। जालसाज इस फेक अकाउंट के जरिए लोगों को व्हाट्सएप पर मैसेज भेज कर उनसे पैसे मांग रहे हैं। इस तरह की घटनाएं केवल अलीराजपुर तक सीमित नहीं हैं। जबलपुर, धार, सिवनी, उमरिया, और शहडोल जिलों के कलेक्टर्स भी इस साइबर ठगी का शिकार हो चुके हैं।

जबलपुर कलेक्टर के रिश्तेदार से ठगी
जबलपुर के कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेना के नाम से एक फेक फेसबुक अकाउंट बनाकर जालसाजों ने उनके एक रिश्तेदार से 25,000 रुपये ठग लिए। जब कलेक्टर को इस ठगी की जानकारी हुई, तो उन्होंने तुरंत साइबर सेल में शिकायत दर्ज करवाई और फर्जी अकाउंट को ब्लॉक करवा दिया।

धार कलेक्टर ने जारी किया अलर्ट
धार के कलेक्टर प्रियंक मिश्रा के नाम पर भी जालसाजों ने फर्जी व्हाट्सएप अकाउंट बनाकर ठगी की कोशिश की। इस फेक अकाउंट के जरिए कलेक्टर के नाम से लोगों को मैसेज कर पैसे मांगे गए। इस घटना के बाद कलेक्टर ने तुरंत एक अलर्ट जारी किया और लोगों से अपील की कि वे किसी भी संदिग्ध मैसेज से सावधान रहें और तुरंत पुलिस को इसकी जानकारी दें।

प्रमुख सचिव की आईडी हैक
साइबर ठगी का यह सिलसिला केवल कलेक्टरों तक ही सीमित नहीं रहा। जून 2024 में, मध्यप्रदेश सरकार के प्रमुख सचिव संजय दुबे की फेसबुक आईडी भी हैक कर ली गई थी। इस आईडी के माध्यम से हैकर्स ने गलत जानकारी फैलाने की कोशिश की थी। उन्होंने फेसबुक पर मध्यप्रदेश में बीजेपी की जीत को शिवराज सिंह चौहान की जीत बताते हुए स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया था।

कैसे खुद को बचाएं साइबर ठगी से?
साइबर ठगी से बचने के लिए निम्नलिखित सावधानियां बरतें:

संदिग्ध मैसेज से सावधान रहें: अगर आपको किसी सरकारी अधिकारी के नाम से पैसे की मांग का कोई संदेश मिलता है, तो तुरंत सतर्क हो जाएं और संबंधित अधिकारी या साइबर सेल से संपर्क करें।

फेक अकाउंट की पहचान करें: फेक अकाउंट्स में अक्सर स्पेलिंग की गलतियां या अकाउंट की भाषा में असामान्यताएं हो सकती हैं। इन पर ध्यान दें और संदिग्ध अकाउंट को रिपोर्ट करें।

अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स को सुरक्षित रखें: अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स के लिए मजबूत पासवर्ड का उपयोग करें और दो-स्तरीय प्रमाणीकरण (2FA) सक्षम करें।

जागरूकता फैलाएं: अपने दोस्तों और परिवार के साथ इस तरह की ठगी की घटनाओं के बारे में चर्चा करें ताकि वे भी सतर्क रहें।

पिछले सालों की घटनाओं का विश्लेषण
पिछले कुछ सालों में, देशभर में साइबर ठगी के ऐसे मामलों में बढ़ोतरी देखी गई है। 2023 में, महाराष्ट्र के एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी के नाम से फर्जी अकाउंट बनाकर लोगों से ठगी की गई थी। इसी प्रकार, दिल्ली में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी की व्हाट्सएप आईडी को हैक कर लाखों रुपये की ठगी की गई थी। इन घटनाओं से यह स्पष्ट होता है कि साइबर अपराधी अब अधिक होशियार हो गए हैं और वे उच्च अधिकारियों को भी निशाना बनाने से नहीं चूकते।

साइबर सुरक्षा की बढ़ती जरूरत
डिजिटल युग में जहां एक ओर तकनीक ने हमारे जीवन को आसान बनाया है, वहीं दूसरी ओर साइबर अपराधों का खतरा भी बढ़ गया है। सरकारी अधिकारियों के नाम से ठगी की घटनाएं न केवल आम जनता को आर्थिक नुकसान पहुंचाती हैं, बल्कि समाज में अविश्वास का माहौल भी पैदा करती हैं। इसलिए, साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूकता और सतर्कता अत्यंत महत्वपूर्ण हो गई है।



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