Fri, 20 September 2024 03:02:20am
मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज में भारी छंटनी के बाद सोशल मीडिया पर एक नया तूफान खड़ा हो गया है। शादी डॉट कॉम के फाउंडर और शार्क टैंक इंडिया के जज अनुपम मित्तल ने इस मसले को लेकर एक गंभीर सवाल उठाया है। क्या अडानी और हिंडनबर्ग विवाद के बीच मुकेश अंबानी भी निशाने पर हैं? आइए, जानते हैं इस मुद्दे की पूरी कहानी और इसके पीछे की सच्चाई।
रिलायंस इंडस्ट्रीज में कर्मचारियों की छंटनी
मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज ने 2023-24 के वित्तीय वर्ष में 42,000 कर्मचारियों की छंटनी की है। यह संख्या कंपनी के कुल कार्यबल का लगभग 11% है। कंपनी ने इस निर्णय को लागत कम करने और हायरिंग की रफ्तार में कमी लाने के प्रयासों से जोड़ा है। विशेष रूप से, रिटेल और जियो सेगमेंट में सबसे अधिक कटौती देखी गई है। रिलायंस रिटेल में लगभग 60% कर्मचारियों की छंटनी हुई है, जिससे अब रिटेल सेक्टर में कुल कर्मचारियों की संख्या 2,07,552 रह गई है। वहीं, जियो में भी कर्मचारियों की संख्या में साढ़े पांच फीसदी की कमी आई है।
अनुपम मित्तल का सवाल
इस खबर के बाद अनुपम मित्तल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पहले ट्विटर) पर सवाल उठाया कि 42 हजार? यह क्वाइट न्यूज क्यों है? इस खबर से तो आर्थिक और राजनीतिक गलियारे में गंभीर खतरे की घंटियां बजनी चाहिए थी। मित्तल का सवाल यह दर्शाता है कि यह मुद्दा जितना बड़ा है, उतनी ही चुप्पी इसपर साधी जा रही है।
42k? Why is this ‘quiet news’? Should be raising serious alarm bells across the economic & political circles https://t.co/L0XP0nnzHu
— Anupam Mittal (@AnupamMittal) August 10, 2024
क्या है छंटनी के पीछे का कारण?
रिलायंस इंडस्ट्रीज ने छंटनी का कारण लागत में कटौती और बिजनेस मॉडल को अधिक प्रभावी बनाने की दिशा में बढ़ाए गए कदम बताया है। कंपनी ने यह भी कहा कि छंटनी का असर खासकर उन सेगमेंट्स पर हुआ है जहां ओवरहायरिंग की गई थी।
पिछले वर्षों में क्या हुआ?
पिछले वर्षों में रिलायंस इंडस्ट्रीज ने अपने बिजनेस मॉडल को विकसित करने के लिए कई अहम फैसले लिए हैं। कंपनी ने जियो प्लेटफार्म्स के माध्यम से डिजिटल सेवाओं में विस्तार किया और अपने रिटेल सेक्टर को भी व्यापक बनाया। इसके अलावा, रिलायंस ने तेल और पेट्रोकेमिकल्स के क्षेत्र में भी अपने व्यापार को पुनर्गठित किया है। लेकिन 2023-24 के वित्तीय वर्ष में, कंपनी ने लागत में कटौती के कारण बड़े पैमाने पर कर्मचारियों की छंटनी का सहारा लिया है।
रिलायंस का भविष्य
हालांकि, छंटनी के बाद भी रिलायंस इंडस्ट्रीज का भविष्य उज्ज्वल माना जा रहा है। कंपनी ने आने वाले वर्षों में डिजिटल सेवाओं और रिटेल बिजनेस में विस्तार की योजना बनाई है। लेकिन यह देखना दिलचस्प होगा कि कंपनी के इस कदम का असर उसके कर्मचारियों और पूरे उद्योग पर क्या पड़ता है।