Fri, 20 September 2024 03:44:07am
बांग्लादेश में राजनीतिक संकट गहराता जा रहा है। प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे के बाद, मुख्य न्यायाधीश ओबैदुल हसन और केंद्रीय बैंक के गवर्नर अब्दुर रऊफ तालुकदर ने भी इस्तीफा दे दिया है। इस इस्तीफे ने देश में पहले से ही चल रहे छात्र आंदोलन को और अधिक तीव्र कर दिया है, जिससे बांग्लादेश की राजनीति में अस्थिरता बढ़ गई है।
बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता का यह नया दौर तब शुरू हुआ जब प्रधानमंत्री शेख हसीना को छात्रों के भारी विरोध के बाद इस्तीफा देना पड़ा। यह विरोध प्रदर्शन दरअसल, हसीना सरकार की नीतियों और प्रशासनिक विफलताओं के खिलाफ छात्रों के बीच बढ़ते आक्रोश का परिणाम था। अगस्त 5, 2024 को हुए इस उथल-पुथल के बाद, बांग्लादेश की राजनीति में एक नया मोड़ आया जब 10 अगस्त को मुख्य न्यायाधीश ओबैदुल हसन और केंद्रीय बैंक के गवर्नर अब्दुर रऊफ तालुकदर ने भी इस्तीफा दे दिया।
छात्रों का आंदोलन पहले ही प्रधानमंत्री के खिलाफ था, लेकिन मुख्य न्यायाधीश और गवर्नर के इस्तीफों ने इस आंदोलन को और भी व्यापक बना दिया। दरअसल, छात्रों ने उच्च न्यायालय पर कब्जा करने की धमकी दी थी और मुख्य न्यायाधीश से इस्तीफे की मांग की थी। इसे लेकर भारी संख्या में छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट का घेराव भी किया था। जिसके चलते दबाव में मुख्य न्यायाधीश को इस्तीफा देना पड़ा। इससे पहले भी, कई न्यायाधीश और चार डिप्टी गवर्नर भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते इस्तीफा दे चुके थे।
बांग्लादेश के मौजूदा हालात की जड़ें गहरी हैं। हसीना सरकार के खिलाफ गुस्सा धीरे-धीरे उभर रहा था, लेकिन हाल के महीनों में यह चरम पर पहुंच गया। छात्रों का आरोप है कि सरकार ने लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं का हनन किया है और देश में कानून और व्यवस्था की स्थिति को नियंत्रण से बाहर कर दिया है। इन आरोपों के चलते छात्रों ने राजधानी ढाका की सड़कों पर उतरकर आंदोलन को और व्यापक बना दिया।
मुख्य न्यायाधीश और गवर्नर के इस्तीफों ने देश में कानूनी और आर्थिक संकट को और भी गहरा कर दिया है। विशेषकर, बैंकिंग सेक्टर में स्थिरता बनाए रखने के लिए केंद्रीय बैंक के गवर्नर का पद अत्यंत महत्वपूर्ण होता है, लेकिन उनकी अचानक इस्तीफे से यह क्षेत्र भी अब अनिश्चितता की स्थिति में है।
इस संकट की पृष्ठभूमि में पिछले सालों की घटनाएं भी जुड़ी हुई हैं। हसीना सरकार के खिलाफ पहले भी विरोध होते रहे हैं, लेकिन छात्रों के इस आंदोलन ने सरकार के खिलाफ जनाक्रोश को एकजुट कर दिया। 2018 में हुए छात्र आंदोलन से लेकर 2024 में आए इस हालिया संकट तक, बांग्लादेश की राजनीति में अस्थिरता लगातार बढ़ती रही है। इस बीच, देश की न्यायिक और वित्तीय संस्थाओं में भी उथल-पुथल मची हुई है।
छात्र आंदोलन के इस नए चरण ने देश में लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं पर एक बड़ा प्रश्नचिन्ह खड़ा कर दिया है। इससे देश की न्यायिक और वित्तीय संस्थाओं की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठ रहे हैं। अब यह देखना बाकी है कि यह संकट किस ओर जाएगा और बांग्लादेश की राजनीति में आने वाले दिनों में क्या नया मोड़ देखने को मिलेगा।
#WATCH | Dhaka: Bangladesh Chief Justice Obaidul Hassan and the Central Bank Governor Abdur Rouf Talukder resigned on Saturday, August 10, as student protesters marched to Dhaka’s Supreme Court in a widening of their demonstration which had already ousted the Prime Minister on… pic.twitter.com/VHtQQ4pBTg
— ANI (@ANI) August 11, 2024