Fri, 20 September 2024 03:05:48am
कोलकाता के सरकारी अस्पताल में एक महिला ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुई घिनौनी वारदात के बाद देश भर के डॉक्टरों का गुस्सा फूट पड़ा है। दिल्ली के एम्स में डॉक्टरों ने सड़क पर उतरकर अपने आक्रोश का इजहार किया है। डॉक्टरों का यह आंदोलन न सिर्फ उनके अधिकारों की रक्षा के लिए है, बल्कि देश की स्वास्थ्य व्यवस्था के प्रति गंभीर सवाल भी खड़े करता है। क्या डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर सरकारों की लापरवाही अब एक बड़ी समस्या बन चुकी है? आइए, इस घटना की तह तक जाते हैं और जानने की कोशिश करते हैं कि आखिरकार डॉक्टरों का गुस्सा क्यों इस कदर बढ़ गया है।
कोलकाता की घटना: डॉक्टरों की सुरक्षा पर सवाल
कोलकाता के एक सरकारी अस्पताल में महिला ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुई गंभीर वारदात ने देश भर के डॉक्टरों में गहरी चिंता और गुस्सा पैदा कर दिया है। इस घटना के बाद से डॉक्टरों के बीच सुरक्षा को लेकर सवाल उठने लगे हैं।
इस घटना में एक महिला ट्रेनी डॉक्टर के साथ बुरी तरह से बदसलूकी की गई थी, जिसके बाद डॉक्टर्स के बीच यह मांग जोर पकड़ने लगी कि अस्पतालों में डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। यह घटना न केवल एक महिला डॉक्टर के साथ हुई थी, बल्कि यह पूरे मेडिकल पेशे के सम्मान पर चोट थी।
AIIMS New Delhi residents halt elective services due to the West Bengal government's inaction and alleged evidence manipulation to protect culprits. Urgent action needed to address this serious issue.#RGKarMedicalCollegeHospital #RGKARmedical #MedTwitter pic.twitter.com/iSVAMp5Psc
— Dr Vinay Kumar (Aiims Delhi) (@drvinay_aiims) August 12, 2024
एम्स दिल्ली में गुस्सा फूटा: रोड ब्लॉक और मार्च
इस घटना के बाद दिल्ली के एम्स (AIIMS) में डॉक्टरों का गुस्सा फूट पड़ा। डॉक्टरों ने एम्स के बाहर रोड ब्लॉक कर दिया और सड़क पर मार्च निकाला। यह प्रदर्शन डॉक्टरों की उस नाराजगी का प्रतीक था जो कोलकाता की घटना से पैदा हुई थी।
एम्स के डॉक्टरों ने इस प्रदर्शन के माध्यम से अपनी मांगों को सरकार के सामने रखा। उनका कहना था कि जब तक उनकी मांगों पर गौर नहीं किया जाएगा, वे हड़ताल खत्म नहीं करेंगे। डॉक्टरों ने स्पष्ट किया कि वे मरीजों को परेशानी में नहीं डालना चाहते, इसलिए आपातकालीन सेवाएं चालू रहेंगी, लेकिन उनकी मांगे पूरी की जानी चाहिए।
"Residents and doctors from all over Uttar Pradesh are on strike in solidarity with @FordaIndia , demanding justice for the horrific crime at #RGKarMedicalcollege Kolkata. @RDA_UP urge immediate action and accountability from the West Bengal government.#MedTwitter pic.twitter.com/ePaFDaxjf7
— Dr Vinay Kumar (Aiims Delhi) (@drvinay_aiims) August 12, 2024
FORDA का सख्त रुख: देशव्यापी हड़ताल की चेतावनी
दिल्ली में डॉक्टरों के इस आंदोलन का नेतृत्व FORDA (Federation of Resident Doctors' Association) कर रहा है। FORDA के अध्यक्ष डॉ. अविरल माथुर ने इस घटना की कड़ी निंदा की और देशव्यापी हड़ताल की चेतावनी दी।
उन्होंने कहा कि जब तक डॉक्टरों की सुरक्षा और अन्य मांगों को पूरा नहीं किया जाएगा, तब तक हड़ताल जारी रहेगी। डॉक्टरों की मांगों में मुख्य रूप से अस्पतालों में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करना और डॉक्टरों के साथ होने वाली बदसलूकी को रोकने के लिए सख्त कानून बनाना शामिल है।
In solidarity with the brutality against our fallen hero at Kolkata. It's not a crime against a doctors, but against humanity.
— Richa Mishra (@DrRicha_Mishra) August 11, 2024
No parents deserve such a farewell to their child.#RGKARmedical #KolkataDoctorDeath @IndraAiims @Raghuaiims @bhawnaarora636 @DrDatta_AIIMS pic.twitter.com/jCpjVkvrHO
डॉक्टरों की मांगें: सुरक्षा और सम्मान
डॉक्टरों की इस हड़ताल का मुख्य मुद्दा उनकी सुरक्षा और सम्मान है। डॉक्टरों का कहना है कि अस्पतालों में काम करने के दौरान उन्हें लगातार हिंसा और बदसलूकी का सामना करना पड़ता है, जो अब असहनीय हो चुका है।
उन्होंने सरकार से मांग की है कि अस्पतालों में सुरक्षा बढ़ाई जाए और डॉक्टरों के साथ होने वाली किसी भी तरह की बदसलूकी के खिलाफ सख्त कानून बनाए जाए। यह सिर्फ डॉक्टरों के लिए नहीं, बल्कि पूरे स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए जरूरी है कि डॉक्टर सुरक्षित और सम्मानित महसूस करें।
Long live residents unity!
— Dr. Datta (AIIMS Delhi) (@DrDatta_AIIMS) August 12, 2024
We, @AIIMSRDA in solidarity with our colleagues in West Bengal and the country, have decided to shut down all elective services till justice is served to our colleague who was brutally murdered and raped in Kolkata. We demand for safety at workplace! pic.twitter.com/M5zj0NpEh4
पिछले सालों में डॉक्टरों पर बढ़ते हमले
पिछले कुछ वर्षों में डॉक्टरों पर हमलों की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं। 2020 में, कोविड-19 महामारी के दौरान भी डॉक्टरों को कई जगहों पर हिंसा और उत्पीड़न का सामना करना पड़ा था। इस तरह की घटनाएं डॉक्टरों के मनोबल को तोड़ती हैं और उनके कामकाज में बाधा डालती हैं।
2021 में भी देश भर में डॉक्टरों पर कई हमले हुए थे, जिसके बाद डॉक्टरों ने कई बार प्रदर्शन किया था। बावजूद इसके, सरकार द्वारा उठाए गए कदम नाकाफी साबित हुए हैं। यह समय है कि सरकार डॉक्टरों की सुरक्षा को प्राथमिकता दे और इस मुद्दे को गंभीरता से ले।
AIIMS Delhi RDA and SU have gone on strike to condemn the horrible rape and murder of female doctor at RG KAR medical college, Kolkata.#bengalhorror#WeWantJustice pic.twitter.com/pZHgPaJ5VI
— venu dasari (@Dasari_venu_18) August 12, 2024
डॉक्टरों की हड़ताल का असर
इस हड़ताल का असर सिर्फ दिल्ली तक ही सीमित नहीं है, बल्कि पूरे देश में डॉक्टरों ने इस घटना के खिलाफ आवाज उठाई है। FORDA के अनुसार, करीब तीन लाख रेजिडेंट डॉक्टर इस हड़ताल में शामिल हैं।
इस हड़ताल का असर अस्पतालों में दिखने लगा है, जहां मरीजों को इलाज के लिए इंतजार करना पड़ रहा है। हालांकि, डॉक्टरों ने आपातकालीन सेवाओं को चालू रखा है, लेकिन सामान्य सेवाओं पर इसका बड़ा असर पड़ा है।
The tragic incident at RG Kar Medical College has left us heartbroken & enraged. A young female doctor, lost her life in an environment that should have prioritised her safety. My deepest condolences to her family and loved ones! #Justiceforkhalpar#RGKARmedical #RGKar #Kolkata pic.twitter.com/OCtqFCUgnK
— Yash Baba (@YashBaba_AIIMS) August 11, 2024
सरकार की प्रतिक्रिया
इस हड़ताल के बाद सरकार पर दबाव बढ़ गया है कि वह डॉक्टरों की मांगों को पूरा करे। दिल्ली सचिवालय में दिल्ली के सभी अस्पतालों की बैठक होने वाली है, जिसमें डॉक्टरों की मांगों पर चर्चा की जाएगी।
FORDA के अध्यक्ष ने कहा है कि वह इस बैठक में अपनी मांगें रखेंगे और उम्मीद जताई कि सरकार उनकी मांगों को पूरा करेगी। हालांकि, अब तक सरकार की ओर से इस मामले पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
Resident Doctors, Interns and MBBS Students of AIIMS Kalyani are protesting for the justice to RG KAR Hospital case
— Manish Aman (@manish__aman) August 12, 2024
All OPD and IPD services are shut down till further notice
No Safety,No Duty#MedTwitter #BengalHorror pic.twitter.com/Rbi1iWpb5k
भविष्य की दिशा
डॉक्टरों की यह हड़ताल एक बड़े आंदोलन की दिशा में बढ़ रही है। अगर सरकार ने समय पर कदम नहीं उठाया, तो यह हड़ताल और भी व्यापक रूप ले सकती है।
यह समय है कि सरकार डॉक्टरों की मांगों को गंभीरता से ले और उनके लिए एक सुरक्षित और सम्मानजनक कार्य वातावरण सुनिश्चित करे। डॉक्टरों की सुरक्षा न केवल उनके व्यक्तिगत हित में है, बल्कि यह पूरे देश की स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है।
पिछले कुछ वर्षों में डॉक्टरों पर बढ़ते हमलों की घटनाओं ने कई बार स्वास्थ्य व्यवस्था को संकट में डाल दिया है। 2019 में, पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों पर हुए हमलों के बाद भी देश भर में डॉक्टरों ने हड़ताल की थी। इसके बावजूद, डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। 2020 में कोविड-19 महामारी के दौरान डॉक्टरों पर हुए हमलों ने इस मुद्दे को और भी गंभीर बना दिया। अब 2024 में, कोलकाता की घटना के बाद, डॉक्टरों ने फिर से अपनी आवाज उठाई है और इस बार वे अपनी सुरक्षा के लिए कोई भी कदम उठाने से पीछे नहीं हटेंगे।
#BENGALHORROR
— Indian Doctor (@Indian__doctor) August 12, 2024
Resident Doctors of #Delhi #AIIMS are on totally strike in support with with our colleagues in #West Bengal and the country, have decided to shut down all elective services till justice is served to our colleague#medtwitter #RGKAR pic.twitter.com/D3ulfvWkkX