Fri, 20 September 2024 03:04:32am
भारत के भोजन प्रसंस्करण क्षेत्र में विदेशी निवेश में आई भारी गिरावट ने उद्योग के लिए चिंता की घंटी बजा दी है। पिछले वित्तीय वर्ष में इस क्षेत्र में FDI में 30% की कमी आई है, जिससे यह सवाल उठता है कि क्या यह सेक्टर अपनी क्षमता खो रहा है?
नई दिल्ली: भारत के भोजन प्रसंस्करण क्षेत्र में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) में पिछले वित्तीय वर्ष में 30% की गिरावट दर्ज की गई है, जो अब ₹5,037.06 करोड़ पर आ गया है। यह जानकारी लोकसभा में प्रस्तुत आधिकारिक आंकड़ों से सामने आई है।
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार, 2022-23 में इस क्षेत्र में FDI ₹7,194.13 करोड़ था। 2021-22 में यह आंकड़ा ₹5,290.27 करोड़ था, जबकि 2020-21 में यह ₹2,934.12 करोड़ था।
यह आंकड़े स्पष्ट रूप से संकेत देते हैं कि भोजन प्रसंस्करण क्षेत्र में विदेशी निवेश में लगातार उतार-चढ़ाव रहा है। 2019-20 में यह ₹6,414.67 करोड़ था, जबकि 2018-19 में ₹4,430.44 करोड़, 2017-18 में ₹5,835.62 करोड़, 2016-17 में ₹4,865.85 करोड़ और 2015-16 में ₹3,312 करोड़ था।
विशेषज्ञों के अनुसार, यह गिरावट उद्योग के लिए एक चिंता का विषय है, क्योंकि यह क्षेत्र देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देता है। FDI में यह गिरावट निवेशकों की घटती रुचि और वैश्विक आर्थिक मंदी के संकेतों को भी दर्शाती है।