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Related Tags: ग्लोबल डेवलपमेंट कॉम्पैक्ट, नरेंद्र मोदी, वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट, जी-20 अध्यक्षता, डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वॉयस ऑफ द ग्लोबल साउथ समिट के समापन सत्र में ग्लोबल डेवलपमेंट कॉम्पैक्ट की घोषणा की



अजय त्यागी 2024-08-17 07:35:05 समाज

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वॉयस ऑफ द ग्लोबल साउथ समिट के समापन सत्र में ग्लोबल डेवलपमेंट कॉम्पैक्ट की घोषणा की
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वॉयस ऑफ द ग्लोबल साउथ समिट के समापन सत्र में ग्लोबल डेवलपमेंट कॉम्पैक्ट की घोषणा की

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को विकासशील देशों के लिए एक मानव-केंद्रित 'ग्लोबल डेवलपमेंट कॉम्पैक्ट' का प्रस्ताव रखा, जो व्यापार, तकनीकी साझेदारी और सहायक वित्तीय सहयोग को बढ़ावा देगा। यह प्रस्ताव भारत की विकास यात्रा से प्रेरित है और वैश्विक दक्षिण के देशों की प्राथमिकताओं को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को तीसरे 'वॉयस ऑफ द ग्लोबल साउथ समिट' के समापन सत्र में विकासशील देशों के लिए एक विशेष 'ग्लोबल डेवलपमेंट कॉम्पैक्ट' की घोषणा की। इस कॉम्पैक्ट का उद्देश्य विकासशील देशों को बिना किसी ऋण बोझ के आर्थिक प्रगति की ओर ले जाना है, खासकर उन देशों के लिए जो चीन के 'बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव' के तहत ऋण के जाल में फंसे हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने समिट में कहा, "यह कॉम्पैक्ट मानव-केंद्रित और बहुआयामी होगा, जो विकास के लिए एक बहु-क्षेत्रीय दृष्टिकोण को बढ़ावा देगा। इसके अंतर्गत, विकासशील देशों को सहायक वित्तीय सहायता, तकनीकी साझेदारी, और परियोजना-विशिष्ट रियायती वित्तपोषण मिलेगा।"


  1. प्रधानमंत्री मोदी ने 'ग्लोबल डेवलपमेंट कॉम्पैक्ट' का प्रस्ताव रखा।
  2. यह कॉम्पैक्ट वैश्विक दक्षिण के देशों के विकास को बढ़ावा देगा।
  3. कॉम्पैक्ट में व्यापार, तकनीकी साझेदारी, और सहायक वित्तीय सहयोग पर जोर होगा।
  4. भारत ने डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 'सोशल इम्पैक्ट फंड' में 25 मिलियन अमेरिकी डॉलर का योगदान दिया।
  5. पीएम मोदी ने जी-20 में अफ्रीकी यूनियन की स्थायी सदस्यता को एक ऐतिहासिक क्षण बताया।

इसके साथ ही, पीएम मोदी ने वैश्विक दक्षिण के देशों से खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा संकटों, आतंकवाद और चरमपंथ की चुनौतियों का सामना करने के लिए एकजुट होकर काम करने की अपील की। उन्होंने यह भी कहा कि समग्र और समावेशी वैश्विक शासन के बिना विभिन्न संघर्षों और तनावों का समाधान संभव नहीं है।

प्रधानमंत्री ने डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (DPI) के महत्व पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा, "डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर का समावेशी विकास में योगदान किसी क्रांति से कम नहीं है।" भारत ने इस दिशा में अपनी जी-20 अध्यक्षता के तहत वैश्विक DPI रिपोजिटरी बनाई है, जो DPI पर पहला बहुपक्षीय सहमति है।

प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि भारत DPI को गति देने के लिए 'सोशल इम्पैक्ट फंड' में प्रारंभिक रूप से 25 मिलियन अमेरिकी डॉलर का योगदान करेगा। साथ ही, उन्होंने समिट के दौरान कहा कि 2022 में भारत ने जब जी-20 की अध्यक्षता संभाली, तब भारत ने ग्लोबल साउथ के विकास की उम्मीदों और प्राथमिकताओं को ध्यान में रखकर जी-20 के एजेंडे को तैयार किया।



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