Fri, 20 September 2024 03:11:45am
सोशल मीडिया पर हाल ही में फैले एक दावे ने सभी का ध्यान खींचा, जिसमें कहा गया कि भारत ने मालदीव के 28 द्वीप खरीद लिए हैं। लेकिन क्या सच में ऐसा हुआ? पीटीआई फैक्ट चेक डेस्क ने इस दावे की जांच की और जो सामने आया, वह आपको चौंका सकता है।
15 अगस्त 2024 को सोशल मीडिया पर एक पोस्ट तेजी से वायरल हुई, जिसमें दावा किया गया कि भारत ने मालदीव के 28 द्वीप खरीदे हैं। इस पोस्ट में यह भी कहा गया कि यह समझौता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लक्षद्वीप यात्रा का परिणाम था। पोस्ट में यह भी दावा किया गया कि मालदीव के राष्ट्रपति मुज्जू ने खुद इस समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
इस दावे की सच्चाई की पड़ताल करने के लिए पीटीआई फैक्ट चेक डेस्क ने गूगल लेंस और कस्टमाइज्ड कीवर्ड सर्च का इस्तेमाल किया। इस जांच में पाया गया कि सोशल मीडिया पर वायरल यह दावा पूरी तरह से फर्जी है।
Diplomatic Win For Bharat.
— Piyush Mody (@Piyushmody999) August 12, 2024
Maldives handover its 28 Islands to India.President Muizzu has himself signed the agreement.
His govt was trying to align with China but thanks to Modi govts diplomacy of sending External Minister on a visit to Maldives ,now everything is under control pic.twitter.com/b8iN6MpIZ0
सोशल मीडिया पर वायरल यह दावा पूरी तरह से फर्जी है [Source: PTI]
दरअसल, यह दावा उस समय वायरल हुआ जब विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने मालदीव में भारत द्वारा वित्तपोषित एक बड़े जल और स्वच्छता परियोजना का उद्घाटन किया था। इस परियोजना की लागत लगभग 923 करोड़ रुपये है और इसका लाभ मालदीव के 28 द्वीपों की सात प्रतिशत आबादी को मिलेगा। इस परियोजना का गलत मतलब निकालते हुए इसे सोशल मीडिया पर 'द्वीप खरीदने' का दावा बना दिया गया।
जांच में यह भी सामने आया कि भारत सरकार ने मालदीव से कोई द्वीप नहीं खरीदा है। विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि मालदीव में जल और स्वच्छता परियोजना का उद्घाटन किया गया है, न कि द्वीपों की खरीदारी का कोई समझौता हुआ है।
Virtual inauguration of Water and Sanitation Projects in 28 Islands of Maldives.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) August 10, 2024
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