Fri, 20 September 2024 03:42:44am
उत्तराखंड के जोशीमठ ब्लॉक में स्थित पाग्नो गांव के निवासियों के लिए यह समय बेहद कठिन साबित हो रहा है। लगातार हो रही भारी बारिश और भूस्खलन ने इस गांव को तबाही के कगार पर ला कर खड़ा किया है। घरों के ढहने और बुनियादी सुविधाओं की कमी के कारण लोग मजबूरन सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं। यह गांव एक बार फिर प्राकृतिक आपदा की चपेट में है, जहां प्रशासन की असमर्थता और प्रकृति की विकरालता ने मिलकर यहां के निवासियों का जीवन कठिन बना दिया है।
गांव के निवासियों पर आपदा का प्रभाव
पाग्नो गांव के निवासियों का जीवन इस समय संघर्ष से भरा हुआ है। भारी बारिश के कारण घरों के ढहने और भूस्खलन के चलते, गांववासियों को अपना सब कुछ छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन करना पड़ा। कई परिवारों ने अपने मवेशियों और सामान को गांव के मंदिर में शरण देने का प्रयास किया, लेकिन मंदिर में सभी के लिए पर्याप्त जगह नहीं है, जिससे उनकी परेशानियां और बढ़ गई हैं।
प्राकृतिक आपदा के परिणाम
पाग्नो गांव में भूस्खलन और बारिश से घरों की बर्बादी ने गांव के ढांचे को पूरी तरह से हिला दिया है। स्थानीय निवासियों के अनुसार, इस आपदा में गांव का अधिकांश हिस्सा तबाह हो चुका है। प्रशासन की ओर से मदद की कमी को लेकर भी लोगों में भारी नाराजगी है। पिछले साल की भूमि धंसाव की घटनाओं के बाद से ही यह क्षेत्र प्राकृतिक आपदाओं से जूझ रहा है, लेकिन इस बार की स्थिति ने इसे और गंभीर बना दिया है।
प्रशासन की प्रतिक्रिया और समस्याएं
गांववासियों ने प्रशासन की असमर्थता पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि प्रशासनिक अधिकारियों का दौरा तो होता है, लेकिन उन्हें मदद नहीं मिलती। राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (NGT) ने उत्तराखंड सरकार को जनवरी 2023 में हुई भू-धंसाव और दरारों के मुद्दों पर विस्तृत रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया था, लेकिन इस संबंध में अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
जोशीमठ की जटिलताएं और सुझाव
पिछले कुछ वर्षों में जोशीमठ और इसके आसपास के इलाकों में आपदाओं की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। सुप्रीम कोर्ट ने भी सरकार को हिमालयी क्षेत्र की पारिस्थितिकी को ध्यान में रखते हुए विशेषज्ञ समिति गठित करने के सुझाव दिए थे। लेकिन योजनाओं के अभाव और अनियंत्रित निर्माण कार्यों के कारण यह क्षेत्र और भी असुरक्षित होता जा रहा है।
निवासियों की अपील और संघर्ष
गांववासियों ने सरकार और स्थानीय प्रशासन से अपील की है कि वे उन्हें जल्द से जल्द सुरक्षित स्थानों पर पुनर्वासित करें। इसके अलावा, वे अपने मवेशियों और संपत्ति को बचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। उनकी यह अपील है कि प्रशासन उनके दर्द को समझे और आपातकालीन सेवाओं की तत्परता से मदद करे।
तत्काल सहायता की आवश्यकता
पाग्नो गांव के लोग इस समय प्राकृतिक आपदा की चपेट में हैं और उन्हें तत्काल सहायता की आवश्यकता है। प्रशासन की तत्परता और योजना के अभाव ने उनकी स्थिति को और भी विकट बना दिया है। इस समय जरूरत है कि सरकार और प्रशासन इस क्षेत्र में त्वरित कार्यवाही कर गांववासियों को सुरक्षित स्थानों पर पुनर्वासित करे और उन्हें इस कठिन समय से उबरने में मदद करे।
Chamoli, Uttarakhand: The remote village of Pagno in Joshimath block is grappling with ongoing landslides and heavy rains. Recent severe downpours have worsened the damage, causing homes to collapse and forcing residents to seek refuge elsewhere pic.twitter.com/Zz0qBXgC9J
— IANS (@ians_india) August 24, 2024