Fri, 20 September 2024 03:30:44am
हाल ही में सरकार की से 156 दवाओं पर प्रतिबंध लगाने के बाद केंद्र सरकार अब 34 अन्य मल्टीविटामिन पर भी रोक लगाने पर विचार कर रही है। सूत्रों ने कहा कि समीक्षाओं के आधार पर 34 मल्टीविटामिन का मूल्यांकन किया जा रहा है। नए नियमों के तहत, राज्य सरकारें अब दवा संयोजनों को मंजूरी नहीं दे सकती हैं।
केंद्र सरकार ने प्रोफेसर कोकाटे समिति की रिपोर्ट के आधार पर हाल ही में 156 फिक्स्ड-डोज कॉम्बिनेशन (एफडीसी) पर प्रतिबंध लगा दिया था। यह समिति भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) की अनुमति के बिना राज्य सरकारों के अधिकारियों की ओर से लाइसेंस प्राप्त एफडीसी की जांच करने के लिए गठित की गई थी। कोकाटे समिति ने अपनी पहली मूल्यांकन रिपोर्ट में कई एफडीसी को गैर-जरूरी घोषित किया था। हालांकि, केंद्र सरकार के इस आदेश को अदालत में चुनौती दी गई थी और अब मामला औषधि तकनीकी सलाहकार बोर्ड (डीटीएबी) को भेज दिया गया है। सूत्रों का कहना है कि सुरक्षा और प्रभाव को देखते हुए इन दवाओं पर प्रतिबंध लगाया गया है। इंडियन फार्मास्युटिकल एलायंस (आईपीए) ने सरकार के फैसले का समर्थन किया है।
किस-किस दावा को किया बैन?
उल्लेखनीय है कि सरकार ने बुखार, जुकाम, एलर्जी और दर्द के लिए इस्तेमाल की जाने वाली 156 फिक्स्ड-डोज कांबिनेशन (एफडीसी) दवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया है। बाजार में अब ये दवाएं नहीं बिक सकेंगी। सरकार ने कहा कि ये दवाएं स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकती हैं।
एफडीसी उन दवाओं को कहते हैं जिन्हें दो या दो से अधिक दवाओं को निश्चित अनुपात में मिलाकर तैयार किया जाता है। इस समय बड़े स्तर पर ऐसी दवाओं का इस्तेमाल किया जा रहा है। इन्हें कॉकटेल दवाएं भी कहा जाता है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा 12 अगस्त को जारी अधिसूचना के अनुसार, सरकार ने फार्मा कंपनियों द्वारा निर्मित दर्द की दवाओं के रूप में इस्तेमाल किए जाने वाले एसेक्लोफेनाक 50 एमजी + पैरासिटामोल 125 एमजी टैबलेट पर प्रतिबंध लगा दिया है।
प्रतिबंधित एफडीसी में मेफेनामिक एसिड + पैरासिटामोल इंजेक्शन, सेट्रीजीन एचसीएल + पैरासिटामोल + फेनिलफ्रीन एचसीएल, लेवोसेट्रीजीन + फेनिलफ्रीन एचसीएल + पैरासिटामोल, पैरासिटामोल + क्लोरफेनिरामाइन मैलेट + फेनिल प्रोपेनोलामाइन और कैमिलोफिन डाइहाइड्रोक्लोराइड 25 मिलीग्राम + पैरासिटामोल 300 मिलीग्राम भी शामिल हैं।
केंद्र ने पैरासिटामोल, ट्रामाडोल, टारिन और कैफीन के संयोजन पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। ट्रामाडोल दर्द निवारक दवा है। अधिसूचना के मुताबिक, स्वास्थ्य मंत्रालय ने पाया कि एफडीसी दवाओं का इस्तेमाल स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है। जबकि सुरक्षित विकल्प उपलब्ध हैं। इस मामले की जांच केंद्र द्वारा नियुक्त विशेषज्ञ समिति ने की गई थी।
क्या कहना है चिकित्सकों का?
दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल के आंतरिक चिकित्सा विभाग के अध्यक्ष डॉ. अतुल कक्कड़ ने सरकार द्वारा 156 निश्चित खुराक वाली संयोजन दवाओं पर प्रतिबंध लगाने के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि जब भी हम दवाओं के संयोजन के बारे में बात करते हैं, तो इसमें आमतौर पर दो या दो से अधिक तत्व होते हैं और उन्हें रोगी के लिए इस तरह से फायदेमंद माना जाता है कि एक दवा की खुराक कम हो जाती है और दूसरी दवा भी प्रबंधन में मदद करती है, इस अर्थ में कि वे सहक्रियात्मक हैं और रोगी के प्रबंधन में मदद करती हैं। संयोजन दवाओं का यही मूल अर्थ है। ये संयोजन दवाएं कुछ मामलों में बहुत उपयोगी होती हैं। अब, जो नया परिपत्र आया है, उसके अनुसार, लगभग 150 दवाओं को संयोजन दवाओं के लिए रोक दिया गया है, जो मूल रूप से तर्कहीन और गैर-वैज्ञानिक हैं।
VIDEO | Here's what Dr Atul Kakkar, Chairman, Department of Internal Medicine, Sir Ganga Ram Hospital, Delhi on government banning 156 fixed-dose combination drugs.
— Press Trust of India (@PTI_News) August 24, 2024
"Whenever we talk about combination of medicines, it usually contains two or more elements and they are thought… pic.twitter.com/odvmE3ggEw