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नागार्जुन सागर डैम पर खतरे का सायरन: भारी बारिश से जलस्तर 590 फीट तक पहुंचा, गेट खोलकर छोड़ा जा रहा है पानी



अजय त्यागी 2024-08-25 11:55:48 तेलंगाना

तेलंगाना का नागार्जुन सागर डैम - Photo : PTI
तेलंगाना का नागार्जुन सागर डैम - Photo : PTI

क्या होता है जब प्रकृति अपनी ताकत दिखाती है? तेलंगाना का नागार्जुन सागर डैम इस समय इसी सवाल का जवाब दे रहा है। भारी बारिश और लगातार बढ़ते जलस्तर ने अधिकारियों को गेट खोलने पर मजबूर कर दिया है, जिससे न केवल इलाके में खतरे का माहौल बन गया है, बल्कि निचले क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा भी बढ़ गया है।

नागार्जुन सागर डैम पर पानी का बढ़ता दबाव
नागार्जुन सागर डैम, जो तेलंगाना के नालगोंडा जिले में स्थित है, इस समय अपने पूरे जलस्तर 590 फीट पर पहुंच चुका है। इस डैम की क्षमता 312 टीएमसी (थाउज़ंड मिलियन क्यूबिक फीट) है, और वर्तमान में इसमें पूरी क्षमता से पानी भरा हुआ है। भारी बारिश और कृष्णा नदी के जलग्रहण क्षेत्र से आने वाले पानी की वजह से डैम पर जलस्तर लगातार बढ़ रहा है।

गेट खोले गए, 16,200 क्यूसेक पानी छोड़ा गया
अधिकारियों ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए नागार्जुन सागर डैम के पाँच क्रेस्ट गेट खोल दिए हैं, जिससे 16,200 क्यूसेक पानी को निचले इलाकों में छोड़ा जा रहा है। इस पानी का उपयोग मुख्य रूप से दाहिनी और बाईं नहरों के सिंचाई कार्यों और हैदराबाद के जुड़वां शहरों के लिए पेयजल आपूर्ति के लिए किया जाएगा।

निचले इलाकों के लोगों को सतर्कता
डैम के गेट खोलने से पहले, निचले इलाकों के निवासियों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। इन इलाकों में रहने वाले लोगों को बताया गया है कि वे नदी के पास न जाएं और सुरक्षित स्थानों पर रहें।

पहले भी आई थी ऐसी स्थिति
यह कोई पहला मौका नहीं है जब नागार्जुन सागर डैम में पानी का स्तर इस हद तक बढ़ा हो। पिछले साल भी अगस्त में ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई थी, जब गेट खोलकर पानी छोड़ा गया था। इस साल की भी स्थिति वैसी ही गंभीर है, और लगातार बारिश ने इस स्थिति को और खतरनाक बना दिया है।

आसपास के जिलों पर प्रभाव
नागार्जुन सागर डैम का पानी न केवल तेलंगाना के नालगोंडा जिले, बल्कि आंध्र प्रदेश के पलनाडु जिले में भी बाढ़ का खतरा बढ़ा रहा है। स्थानीय प्रशासन ने इन इलाकों में लोगों को सतर्क रहने और बाढ़ से बचने के लिए आवश्यक कदम उठाने की सलाह दी है।

सिंचाई और पेयजल की आपूर्ति
डैम से छोड़ा गया पानी तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के लगभग 18 लाख एकड़ कृषि भूमि की सिंचाई के लिए महत्वपूर्ण है। इसके अलावा, यह पानी हैदराबाद और सिकंदराबाद की जुड़वां शहरों के लिए पेयजल आपूर्ति के रूप में भी महत्वपूर्ण है।

केंद्र सरकार की मदद
साल 2023 में आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के बीच जल विवाद के चलते केंद्र सरकार को हस्तक्षेप करना पड़ा था। यह विवाद नागार्जुन सागर और श्रीसैलम प्रोजेक्ट्स की जल वितरण नीति पर था। इस बार भी अगर स्थिति नियंत्रण से बाहर होती है, तो केंद्र सरकार को एक बार फिर हस्तक्षेप करना पड़ सकता है।

बढ़ता जलस्तर, गंभीर चुनौती 
नागार्जुन सागर डैम पर बढ़ता जलस्तर और उससे उत्पन्न संकट इस समय एक गंभीर मुद्दा है। यह न केवल स्थानीय प्रशासन के लिए बल्कि राज्य और केंद्र सरकार के लिए भी एक चुनौती है। आने वाले दिनों में, इस स्थिति को कैसे संभाला जाता है, यह देखना महत्वपूर्ण होगा।



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