Fri, 20 September 2024 03:36:12am
असम के कोकराझार में घटित एक जघन्य अपराध ने समूचे इलाके को हिला कर रख दिया है। दो किशोर आदिवासी बालिकाओं के साथ बलात्कार और उनकी हत्या के बाद गुस्साए स्थानीय लोग सड़क पर उतर आए हैं, न्याय की मांग करते हुए। इस हृदयविदारक घटना ने एक बार फिर महिला सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं और प्रशासन की भूमिका को लेकर भी तीखी आलोचना हो रही है।
घटना की जानकारी
कोकराझार के गुस्साई गांव में शुक्रवार को एक भयावह घटना सामने आई। दो किशोर आदिवासी बालिकाओं के साथ पहले बलात्कार किया गया और फिर उनकी हत्या कर दी गई। उनके शव एक पेड़ से लटके हुए पाए गए, जिससे पूरे इलाके में दहशत फैल गई। पुलिस ने इस मामले में सात लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें से तीन सीधे तौर पर इस अपराध में शामिल थे। इन तीनों आरोपी युवकों की उम्र 19 से 22 वर्ष के बीच है, और ये सभी पीड़िताओं के जानने वाले थे।
स्थानीय लोगों का आक्रोश
इस घटना के बाद स्थानीय निवासियों में गहरा आक्रोश है। उन्होंने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया और दोषियों को जल्द से जल्द सज़ा देने की मांग की। इलाके के लोग इस तरह की घटना को लेकर प्रशासन पर सवाल उठा रहे हैं और मांग कर रहे हैं कि आरोपियों को फांसी की सज़ा दी जाए। विरोध प्रदर्शन के दौरान लोगों ने कहा कि इस तरह की घटनाएं पहले भी होती रही हैं, लेकिन इस बार हत्या ने उनके धैर्य को खत्म कर दिया है।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने इस घटना पर तीखी प्रतिक्रिया दी है और राज्य की पुलिस को निर्देश दिया है कि वे इस मामले की जांच में कोई कसर न छोड़ें। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तरह के अपराध को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषियों को सख्त से सख्त सजा दिलाई जाएगी। उन्होंने यह भी सुनिश्चित किया कि पीड़ितों के परिवार को हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी।
न्याय की मांग में उठा जनाक्रोश
इस घटना के बाद से क्षेत्र के स्थानीय संगठनों ने भी मुखर होकर इस अपराध के खिलाफ आवाज़ उठाई है। बोडोलैंड टेरिटोरियल रीजन (बीटीआर) कोच स्टूडेंट यूनियन के अध्यक्ष ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि आरोपियों को फास्ट-ट्रैक कोर्ट में ट्रायल किया जाना चाहिए और उन्हें फांसी की सज़ा दी जानी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि इस क्षेत्र में विकास कार्यों के साथ साथ महिलाओं की सुरक्षात्मक कार्यो को तेज़ किया जाना चाहिए ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
महिला सुरक्षा पर उठते सवाल
इस घटना ने असम में महिला सुरक्षा पर एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं। विरोध प्रदर्शनों के बीच, लोगों ने राज्य में महिला सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की है। साथ ही, यह भी मांग की गई है कि सरकार ऐसे अपराधों के लिए कठोर से कठोर कानून बनाए और उन्हें सख्ती से लागू करे।
पीड़ित परिवार का दुख
पीड़ित परिवार इस घटना से गहरे सदमे में हैं। उनकी आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर है, और वे केवल न्याय की आस लगाए बैठे हैं। मुख्यमंत्री सरमा ने व्यक्तिगत रूप से पीड़ित परिवार से मुलाकात की और उन्हें न्याय दिलाने का आश्वासन दिया। इस बीच, स्थानीय प्रशासन ने परिवार को आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया
इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर भी इस घटना को लेकर गहरी नाराजगी देखी जा रही है। #JusticeForKokrajharGirls जैसे हैशटैग्स के साथ लोग इस घटना की निंदा कर रहे हैं और आरोपियों को सज़ा दिलाने की मांग कर रहे हैं। इस विषय पर राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी लोगों की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं, जिससे इस मामले को और भी ज्यादा तूल मिल रहा है।
सरकार की कार्यवाही
सरकार ने इस घटना के बाद राज्य भर में महिलाओं की सुरक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार किसी भी तरह के अत्याचार को बर्दाश्त नहीं करेगी और महिलाओं की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देगी। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य में ऐसे मामलों के लिए अलग से फास्ट-ट्रैक कोर्ट की व्यवस्था की जाएगी ताकि न्याय जल्दी मिल सके।
अंत में, यही कहा जा सकता है कि कोकराझार की यह घटना पूरे राज्य के लिए एक चेतावनी है कि महिलाओं की सुरक्षा को लेकर और भी सख्ती से कदम उठाने की जरूरत है। यह घटना सिर्फ एक अपराध नहीं, बल्कि समाज के सामने एक गंभीर सवाल खड़ा करती है कि आखिर कब तक महिलाएं इस तरह के अपराधों का शिकार होती रहेंगी?
VIDEO | Assam: Locals carry out a protest rally in Kokrajhar over the rape of two teenage tribal girls in Gossaigaon town on Friday.
— Press Trust of India (@PTI_News) August 25, 2024
(Full video available on PTI Videos - https://t.co/dv5TRARJn4) pic.twitter.com/xvmI6u3Cf5