Fri, 20 September 2024 03:15:21am
नासिक की गोदावरी नदी इस समय अपने उफान पर है। लगातार हो रही मूसलाधार बारिश और बांधों से पानी छोड़े जाने के कारण नदी का जलस्तर बढ़ता जा रहा है। हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि नदी किनारे बसे मंदिर, दुकानें, और घर पूरी तरह से जलमग्न हो गए हैं। मौसम विभाग की चेतावनी और हालातों की गंभीरता को देखते हुए, यह बाढ़ संकट नासिक के लोगों के लिए एक बड़ी चुनौती बनकर उभरा है।
बाढ़ की भयानकता:
नासिक में पिछले तीन दिनों से हो रही लगातार बारिश ने शहर की जीवनशैली को पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया है। गोदावरी नदी का जलस्तर कई वर्षों में पहली बार इतना बढ़ा है, जिससे शहर के कई महत्वपूर्ण मंदिर, जैसे कि रामकुंड क्षेत्र के गंगा गोदावरी मंदिर, बनेश्वर मंदिर, और नीलकंठेश्वर मंदिर, पानी में डूब गए हैं। यह स्थिति तब और गंभीर हो गई जब गंगापुर बांध से भारी मात्रा में पानी छोड़ा गया, जिससे नदी के पानी का स्तर और बढ़ गया।
बांधों से पानी छोड़ने की मजबूरी:
गंगापुर बांध, जो नासिक शहर को पानी की आपूर्ति करता है, में लगातार हो रही बारिश के कारण पानी का स्तर खतरे के निशान तक पहुंच गया था। अधिकारियों ने बांध के 9,450 क्यूसेक पानी को छोड़ने का निर्णय लिया, जिससे गोदावरी नदी का जलस्तर और बढ़ गया। अन्य बांधों से भी पानी छोड़ा गया, जिससे नासिक जिले की कई नदियों में बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न हो गए।
मंदिरों और दुकानों की स्थिति:
गोदावरी नदी के उफान के कारण रामकुंड क्षेत्र के मंदिरों के अलावा, आसपास की दुकानें और घर भी जलमग्न हो गए हैं। नासिक के लोगों के लिए यह एक कठिन समय है, क्योंकि उनका धार्मिक स्थल और आजीविका दोनों ही बाढ़ की चपेट में हैं। रामकुंड क्षेत्र में, जहां लोग धार्मिक क्रियाओं के लिए आते हैं, वहां अब जलमग्न सड़कों के कारण आने-जाने में भी मुश्किल हो रही है।
स्वास्थ्य संकट की आशंका:
मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में और भी बारिश की संभावना जताई है, जिससे बाढ़ की स्थिति और बिगड़ सकती है। बाढ़ के पानी से उत्पन्न गंदगी और ठहरे हुए पानी के कारण, जलजनित बीमारियों के फैलने का खतरा भी बढ़ गया है। सरकार और स्थानीय प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया:
नासिक के लोग, जो इस बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं, अब चिंतित और भयभीत हैं। कई परिवारों को अपने घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जाना पड़ा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह बाढ़ उनकी जिंदगी के सबसे बड़े संकटों में से एक है और उन्हें नहीं पता कि यह स्थिति कब सामान्य होगी।
मौसम विभाग की चेतावनी:
मौसम विभाग ने नासिक और उसके आसपास के क्षेत्रों में रेड अलर्ट जारी किया है। अधिकारियों ने अगले कुछ दिनों तक और बारिश होने की संभावना जताई है, जिससे स्थिति और बिगड़ सकती है। लोगों से आग्रह किया गया है कि वे सतर्क रहें और बाढ़ प्रभावित इलाकों में जाने से बचें।
सरकार की तैयारी:
राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। राहत और बचाव कार्यों के लिए टीमें तैनात कर दी गई हैं और प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री भी पहुंचाई जा रही है। सरकार का कहना है कि वे स्थिति पर कड़ी नजर बनाए हुए हैं और जरूरत पड़ने पर और अधिक सहायता प्रदान की जाएगी।
सार्वजनिक चेतावनी:
लोगों को सलाह दी गई है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और केवल आधिकारिक सूत्रों से प्राप्त सूचनाओं पर ही भरोसा करें। प्रशासन ने लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शरण लेने और जरूरी सामान के साथ तैयार रहने की अपील की है।
नासिक की यह बाढ़ न केवल एक प्राकृतिक विपत्ति है, बल्कि यह हमारे सामने आपातकालीन तैयारियों की भी एक बड़ी चुनौती है। ऐसे समय में लोगों की सुरक्षा और स्वास्थ्य सुनिश्चित करना सरकार और समाज दोनों की जिम्मेदारी है।
Maharashtra: Severe rainfall in Nashik has caused the Godavari River to flood, submerging temples, shops, and homes. The Gangapur Dam has released water, worsening the situation. The weather department warns of more rain, disrupting life and increasing the risk of diseases pic.twitter.com/stAi0IPGsk
— IANS (@ians_india) August 28, 2024