Fri, 20 September 2024 03:39:35am
गुजरात के कई हिस्सों में लगातार हो रही बारिश ने बाढ़ जैसे हालात पैदा कर दिए हैं, जिससे राज्य में तबाही मच गई है। बाढ़ के कारण लोगों की जान का खतरा बढ़ता जा रहा है और राहत और बचाव कार्यों में तेजी लाई गई है।
गुजरात में बाढ़ की गंभीर स्थिति:
गुजरात राज्य के कई क्षेत्रों में भारी बारिश के कारण बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। अब तक 28 लोगों की जान जा चुकी है और यह आंकड़ा बढ़ने की आशंका है। द हिंदू के अनुसार, बाढ़ की वजह से सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्रों में राज्य के पश्चिमी हिस्से शामिल हैं, जहां बारिश ने जीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है।
एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की सक्रियता:
नेशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स (NDRF) और स्टेट डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स (SDRF) की टीमों ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्यों में तेजी दिखाई है। एनडीआरएफ के इंस्पेक्टर मंजीत ने बताया कि द्वारका में पिछले दो दिनों में भारी बारिश हुई है, जिसके चलते वहां के कई घरों में पानी भर गया है। अभी तक 95 लोगों को बचाया जा चुका है। वहीं, राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने बताया कि 12,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है, और 5,000 से अधिक लोगों को पुनर्वास किया गया है।
Gujarat: Maratha Regiment of the Indian Army successfully rescued 50 people in Sayajiganj, near Kedreshwar Temple in Vadodara, due to flooding pic.twitter.com/bGqKSMkh4O
— IANS (@ians_india) August 28, 2024
वडोदरा में विकट हालात:
वडोदरा शहर सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में से एक है। यहां विश्वामित्री नदी ने अपने तटों को तोड़ दिया है, जिससे शहर के कई हिस्सों में पानी भर गया है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने राहत कार्यों को तेज करने के लिए अपने दो वरिष्ठ मंत्रियों को वडोदरा भेजा है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और भारतीय सेना के जवान वडोदरा और अन्य बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में तैनात किए गए हैं।
आईएमडी की चेतावनी और आगे की स्थिति:
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने गुरुवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर जानकारी दी कि सौराष्ट्र और कच्छ के ऊपर गहरा दबाव बना हुआ है, जो धीरे-धीरे उत्तर-उत्तर पश्चिम की ओर बढ़ रहा है। विभाग ने चेतावनी दी है कि 30 अगस्त तक यह एक चक्रवाती तूफान में बदल सकता है। इस चेतावनी के बाद राहत और बचाव कार्यों में और तेजी लाई गई है।
Deep depression over Saurashtra and Kachchh moved slowly during past 6 hours and about 60 km N-NW of Bhuj (Gujarat). To move W-SW and emerge into NE Arabian Sea and intensify into a cyclonic storm on 30th August. pic.twitter.com/snauAJl6wT
— India Meteorological Department (@Indiametdept) August 29, 2024
स्थानीय लोगों की स्थिति और प्रशासनिक प्रयास:
वडोदरा और अन्य प्रभावित क्षेत्रों में लोग अपने घरों में फंसे हुए हैं। कई लोगों को छतों पर चढ़कर अपनी जान बचानी पड़ी है। राहत कर्मियों ने ऐसे कई लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। स्थानीय प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत शिविरों की स्थापना की है और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए निरंतर प्रयास कर रहा है।
समाज पर प्रभाव और सरकार की तैयारी:
गुजरात में आई इस बाढ़ ने सरकार और समाज के सामने कई चुनौतियां खड़ी कर दी हैं। राहत और बचाव कार्यों के साथ-साथ, राज्य सरकार को बाढ़ के कारण हुए नुकसान का आकलन करने और भविष्य में ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए योजना बनाने की आवश्यकता है।
राहत कार्यों की निगरानी:
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने राहत कार्यों की निगरानी के लिए दो वरिष्ठ मंत्रियों, ऋषिकेश पटेल और जगदीश पटेल, को वडोदरा भेजा है। इन दोनों मंत्रियों की उपस्थिति से राहत कार्यों में तेजी आई है, और प्रभावित लोगों को समय पर मदद मिल रही है। प्रशासन ने यह सुनिश्चित किया है कि किसी भी व्यक्ति को राहत शिविरों और आपातकालीन सेवाओं की कमी न हो।
Watch: In Junagadh, Gujarat, heavy rainfall has led to road closures and severe flooding in the Bagasara Ghed area. A 65-year-old woman, Pooja Ben Madhavji Bhai Chavda, fell critically ill due to severe diarrhea and vomiting. The administration was alerted, and an NDRF team… pic.twitter.com/S4S2wXpF3E
— IANS (@ians_india) August 29, 2024
बाढ़ के भविष्य के प्रभाव और सुझाव:
इस बाढ़ ने यह स्पष्ट कर दिया है कि गुजरात को अपने आपदा प्रबंधन तंत्र को और मजबूत करना होगा। विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार को बाढ़ प्रबंधन के लिए दीर्घकालिक योजना बनानी चाहिए और जल निकासी प्रणाली को और सुदृढ़ करना चाहिए ताकि ऐसी प्राकृतिक आपदाओं का सामना किया जा सके।
गुजरात की इस बाढ़ ने सरकार और समाज के सामने कई चुनौतियां खड़ी कर दी हैं। राहत और बचाव कार्यों में जितनी तेजी दिखाई गई है, उससे साफ है कि प्रशासन और आपदा प्रबंधन दल इस संकट से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। लेकिन, इस तरह की आपदाओं से निपटने के लिए दीर्घकालिक योजना और समाज की भागीदारी भी जरूरी है।
Gujarat: Heavy rain at the Pavagadh pilgrimage site in Panchmahal created dangerous conditions for devotees. Water flowed down the stairs like waves, forcing some to hold onto railings for safety. The rain significantly disrupted the movement of devotees during the night pic.twitter.com/Igf9h0gqks
— IANS (@ians_india) August 29, 2024