Fri, 20 September 2024 03:05:11am
गुजरात में लगातार भारी बारिश ने लोगों का जीवन अस्त व्यस्त कर दिया है। वडोदरा समेत कई शहरों में तो बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं। इतना ही नहीं मगरमच्छ नदियों से बहकर घरों की छतों पर पहुंच गए हैं। वहीं, मौसम विभाग के एक और अपडेट ने चिंता बढ़ा दी हैं। मौसम विभाग ने गुजरात में एक चक्रवात के उठने की संभावना जताई है।
सौराष्ट्र-कच्छ क्षेत्र पर एक चक्रवात बन रहा
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) द्वारा जारी एक राष्ट्रीय बुलेटिन में कहा गया है कि गुजरात के सौराष्ट्र-कच्छ क्षेत्र पर एक चक्रवात बन रहा है, जिसके शुक्रवार को अरब सागर के ऊपर उभरने और ओमान तट की ओर बढ़ने की उम्मीद है। आगे बुलेटिन में कहा है कि सौराष्ट्र और कच्छ पर गहरा दबाव पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम की ओर बढ़ने और कच्छ और आसपास के पाकिस्तान तटों से पूर्वोत्तर अरब सागर के ऊपर उभरने और शुक्रवार को एक चक्रवाती तूफान में तब्दील होने की संभावना है।
1976 के बाद अगस्त में पहला चक्रवाती तूफान
मौसम कार्यालय ने कहा कि 1976 के बाद अगस्त में अरब सागर के ऊपर उठने वाला यह पहला चक्रवाती तूफान होगा। इसमें कहा गया है कि 1976 में चक्रवात ओडिशा के ऊपर विकसित हुआ, पश्चिम व उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ा, अरब सागर में उभरा, एक लूपिंग ट्रैक बनाया और ओमान तट के पास उत्तर-पश्चिम अरब सागर पर कमजोर हो गया।
It is likely to move nearly westwards, emerge into NE Arabian Sea off Kachchh & adjoining Pak coasts and intensify into a CS during next 06 hrs. Thereafter, it would continue to move nearly west-northwestwards over NE Arabian Sea away from Indian coast during subsequent 2 days.
— India Meteorological Department (@Indiametdept) August 30, 2024
अगस्त के महीने में चक्रवाती तूफान का विकसित होना एक दुर्लभ गतिविधि
आईएमडी के मौसम विज्ञानी ने कहा कि अगस्त के महीने में अरब सागर के ऊपर चक्रवाती तूफान का विकसित होना एक दुर्लभ गतिविधि है। 1944 का चक्रवात भी अरब सागर में उभरने के बाद तीव्र हो गया और बाद में समुद्र के मध्य में कमजोर हो गया। 1964 में, दक्षिण गुजरात तट के पास एक छोटा चक्रवात विकसित हुआ और तट के पास कमजोर हो गया। इसी तरह, पिछले 132 वर्षों के दौरान बंगाल की खाड़ी के ऊपर अगस्त के महीने में कुल 28 ऐसे सिस्टम बने हैं।
आईएमडी के एक वैज्ञानिक ने कहा कि मौजूदा तूफान के बारे में असामान्य बात यह है कि पिछले कुछ दिनों से इसकी तीव्रता समान बनी हुई है। उन्होंने कहा कि उष्णकटिबंधीय तूफान दो प्रतिचक्रवातों के बीच स्थित है - एक तिब्बती पठार के ऊपर और दूसरा अरब प्रायद्वीप के ऊपर। सौराष्ट्र और कच्छ पर बने गहरे दबाव के कारण इस क्षेत्र में भारी वर्षा हुई है।
सौराष्ट्र और कच्छ क्षेत्रों में 799 मिमी बारिश हुई
आईएमडी के आंकड़ों के अनुसार, इस साल 1 जून से 29 अगस्त के बीच सौराष्ट्र और कच्छ क्षेत्रों में 799 मिमी बारिश हुई है, जबकि इसी अवधि में सामान्य 430.6 मिमी बारिश होती है। इस अवधि में सामान्य से 86 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई। आईएमडी ने कहा कि इसके उत्तरी आंध्र प्रदेश और आसपास के दक्षिण ओडिशा तटों की ओर बढ़ने और रविवार तक पश्चिम-मध्य और इससे सटे उत्तर-पश्चिमी बंगाल की खाड़ी पर दबाव में तब्दील होने की संभावना है।
— India Meteorological Department (@Indiametdept) August 30, 2024