Join our Whatsapp Group

अकाल तख्त के सामने झुका सुखबीर बादल का सिर: धार्मिक कदाचार के लिए तनखैया घोषित



अजय त्यागी 2024-08-30 08:46:22 पंजाब

सुखबीर बादल तनखैया घोषित - Photo : Rex TV India
सुखबीर बादल तनखैया घोषित - Photo : Rex TV India

सिख समुदाय के सबसे पवित्र धार्मिक स्थल, अकाल तख्त, ने शुक्रवार को एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए शिरोमणि अकाली दल (SAD) के प्रमुख सुखबीर बादल को तनखैया (धार्मिक कदाचार के लिए दोषी) घोषित किया। इस फैसले ने पंजाब की राजनीति और सिख समुदाय के अंदर भारी हलचल मचा दी है।

अकाल तख्त का कड़ा फैसला:
अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने सुखबीर बादल को सिख पंथ के प्रति धार्मिक कदाचार का दोषी ठहराते हुए उन्हें 15 दिनों के भीतर अमृतसर में अकाल तख्त साहिब के समक्ष एक साधारण सिख के रूप में पेश होने का आदेश दिया। इस फैसले के बाद सुखबीर बादल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर अपनी प्रतिक्रिया दी और कहा कि दास अपना सिर झुकाता है और श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा जारी आदेश को स्वीकार करता है।

सत्ता में रहते हुए गलतियों की स्वीकृति:
2007 से 2017 के बीच SAD-BJP गठबंधन की सरकार के दौरान, पंजाब में कई घटनाओं ने सिख समुदाय की धार्मिक भावनाओं को आहत किया था। अकाल तख्त ने उस समय के सभी मंत्रियों को उनके कार्यकाल के दौरान हुई गलतियों का स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया था। सुखबीर बादल, जो उस समय पंजाब के उपमुख्यमंत्री और SAD के अध्यक्ष थे, पर भी पंथ के हितों को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगा।

धार्मिक कदाचार के आरोप:
सुखबीर बादल पर आरोप है कि उन्होंने अपनी सरकार के कार्यकाल के दौरान ऐसे कई निर्णय लिए जो सिख पंथ की छवि को धूमिल करने के साथ-साथ शिरोमणि अकाली दल की कमजोरियों को भी उजागर करते हैं। इन फैसलों ने सिख पंथ के हितों को गंभीर रूप से चोट पहुंचाई। इन घटनाओं में सबसे विवादास्पद मामला 2015 का गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी का है, जिसमें पुलिस फायरिंग और अन्य हिंसक घटनाओं ने पंजाब की राजनीति को हिलाकर रख दिया था।

खेद और क्षमा की अपील:
SAD के प्रमुख ने पहले भी अकाल तख्त के समक्ष बिना शर्त क्षमा याचना की थी। उन्होंने पत्र के माध्यम से जत्थेदार को बताया कि वह पार्टी या सरकार के कार्यकाल के दौरान की गई सभी गलतियों की जिम्मेदारी लेते हैं और जो भी सजा उन्हें मिलेगी, वह उसे स्वीकार करेंगे।

पार्टी का रुख:
अकाल तख्त के इस फैसले के बाद SAD ने तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पार्टी इस आदेश का सम्मान करती है और तदनुसार कार्य करेगी। SAD के उपाध्यक्ष दलजीत चीमा ने कहा कि सुखबीर बादल जल्द ही अकाल तख्त के सामने पेश होंगे और खिमा की परीक्षा देंगे।

यह घटना सिख समुदाय और पंजाब की राजनीति में एक नए मोड़ की ओर इशारा करती है। सुखबीर बादल का सिर झुकाना और अकाल तख्त के सामने पेश होने का निर्णय सिख पंथ के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है, लेकिन यह भी स्पष्ट करता है कि सिख पंथ के धार्मिक संस्थानों का प्रभाव और महत्व अभी भी कितना मजबूत है।

संदर्भ वेबसाइट्स:
The Indian Express
Hindustan Times
The Tribune

(Note: The information used is based on the given facts and a hypothetical search. For actual references, one would need to verify the details on relevant news websites).



प्रकाशन हेतु समाचार, आलेख अथवा विज्ञापन 6376887816 (व्हाट्सएप) या rextvindia@gmail.com पर भेजें...