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केदारनाथ में बड़ा हादसा: खतरनाक मिशन के दौरान क्रैश हुआ एमआई-17 हेलीकॉप्टर



अजय त्यागी 2024-08-31 10:42:40 उत्तराखंड

क्रैश हुआ एमआई-17 हेलीकॉप्टर - Photo : IANS
क्रैश हुआ एमआई-17 हेलीकॉप्टर - Photo : IANS

केदारनाथ में श्रद्धालुओं की सेवा में तैनात एक हेलीकॉप्टर के बचाव मिशन के दौरान एक ऐसा हादसा हुआ जिसने सभी को स्तब्ध कर दिया। इस अप्रत्याशित घटना में, एक एमआई-17 हेलीकॉप्टर, जो कि एक खराब हेलीकॉप्टर को सुरक्षित स्थान पर ले जा रहा था, अचानक असंतुलन के कारण क्रैश हो गया। यह दुर्घटना किस प्रकार हुई और इसके पीछे क्या कारण थे, इस पर विस्तार से चर्चा करेंगे।

हादसे की संक्षिप्त जानकारी:
केदारनाथ धाम के पास स्थित रामबाड़ा क्षेत्र में आज सुबह एक गंभीर हादसा हुआ। एक एमआई-17 हेलीकॉप्टर, जो कि क्रिस्टल कंपनी के एक खराब हेलीकॉप्टर को गौचर हवाई पट्टी की ओर ले जा रहा था, अचानक असंतुलन के कारण दुर्घटनाग्रस्त हो गया। जिला पर्यटन अधिकारी राहुल चौबे ने बताया कि सुबह करीब 7 बजे, जब एमआई-17 हेलीकॉप्टर एक खराब हेलीकॉप्टर को ऊंचाई से नीचे ला रहा था, तब पायलट ने महसूस किया कि इस स्थिति में हेलीकॉप्टर खुद भी खतरे में पड़ सकता है। इसलिए उन्होंने हेलीकॉप्टर को सुरक्षित रखने के लिए उसे थोड़ा नीचे लाने का निर्णय लिया, जिससे कोई मानव हानि न हो। सौभाग्यवश, इस हादसे में कोई हताहत नहीं हुआ।

घटना का विस्तार और बचाव कार्य:
यह हादसा उस समय हुआ जब क्रिस्टल कंपनी का हेलीकॉप्टर, जो पहले केदारनाथ धाम में यात्रियों की सेवा में लगा हुआ था, एक तकनीकी खराबी के कारण उड़ान भरने में असमर्थ हो गया था। इसे एमआई-17 हेलीकॉप्टर द्वारा गौचर हवाई पट्टी पर मरम्मत के लिए ले जाया जा रहा था। लेकिन जैसे ही इस मिशन ने कुछ दूरी तय की, मौसम की खराबी और वजन के कारण एमआई-17 हेलीकॉप्टर संतुलन खो बैठा, और उसे नीचे गिराना पड़ा। यह घटना थारू कैंप के पास हुई, जहां हेलीकॉप्टर नदी के पास जा गिरा। राहत की बात यह है कि इसमें किसी भी प्रकार की जान-माल की हानि नहीं हुई है, और सभी लोग सुरक्षित हैं।

अधिकारियों की प्रतिक्रिया:
राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) और स्थानीय प्रशासन ने घटना स्थल पर तुरंत पहुंचकर राहत और बचाव कार्य शुरू किया। एसडीआरएफ के अधिकारियों ने बताया कि दुर्घटना की जानकारी मिलते ही उनकी टीम मौके पर पहुंची और स्थिति का जायजा लिया। वर्तमान में, राहत कार्य तेजी से जारी है, और अधिकारियों द्वारा दुर्घटना के कारणों की जांच की जा रही है।

सुरक्षा पर भी सवाल:
यह हादसा न केवल केदारनाथ यात्रा के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हुआ है, बल्कि इसने हेलीकॉप्टर सेवाओं की सुरक्षा पर भी सवाल खड़े किए हैं। खासकर कि मौसम की खराबी और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में उड़ान भरने की जोखिमों को देखते हुए, ऐसे मिशनों में अधिक सावधानी की आवश्यकता है।

यह घटना इस बात की साक्षी है कि पहाड़ी क्षेत्रों में उड़ान संचालन कितना चुनौतीपूर्ण और जोखिम भरा हो सकता है। अधिकारियों और सुरक्षा बलों की तत्परता के कारण एक बड़ा हादसा टल गया, लेकिन भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए अधिक सतर्कता और तकनीकी उपायों की आवश्यकता है।



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