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बीकानेर में संगीत की शाम: रफ़ी और मुकेश के तरानों से गूंज उठा आ लौट के आजा मेरे मीत कार्यक्रम



अजय त्यागी 2024-08-31 09:33:52 स्थानीय

कार्यक्रम में पुष्पांजली अर्पित करते कलाकार
कार्यक्रम में पुष्पांजली अर्पित करते कलाकार

बीकानेर में शनिवार की शाम सुरमयी हो गई जब अमन कला केंद्र द्वारा आयोजित आ लौट के आजा मेरे मीत कार्यक्रम में मोहम्मद रफ़ी और मुकेश के अमर गीतों की गूंज ने संगीत प्रेमियों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस आयोजन ने इन महान पार्श्व गायकों के गीतों के जरिए उन्हें श्रद्धांजलि दी, जिससे बीकानेर के संगीत प्रेमियों को एक यादगार शाम का तोहफा मिला।

संगीत में डूबा बीकानेर
बीकानेर के स्थानीय उन हॉल में हुए इस कार्यक्रम का आयोजन रफ़ी की शताब्दी वर्षगांठ और मुकेश की पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में किया गया। यह कार्यक्रम न केवल संगीत प्रेमियों के लिए एक उत्सव था, बल्कि बीकानेर के सांस्कृतिक धरोहर का भी एक जीवंत उदाहरण बना। कार्यक्रम की अध्यक्षता राजेश मुंजाल (बीकानेर गोल्डन ट्रांसपोर्ट कंपनी) और समाजसेवी नारायण बिहानी ने की, जबकि मुख्य अतिथि के रूप में शहर कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष अरविंद मिढ्ढा उपस्थित थे।

कार्यक्रम में शिरकत करने वाले खास मेहमान
इस सांगीतिक आयोजन में विभिन्न क्षेत्रों से प्रतिष्ठित हस्तियों ने शिरकत की। वरिष्ठ पत्रकार सैय्यद अख्तर अली चूडीगर, गायक कलाकार राजेन्द्र बोथरा, समाजसेवी सुशील यादव, और अन्य सम्माननीय व्यक्तियों की उपस्थिति ने इस कार्यक्रम की शोभा को और भी बढ़ा दिया। इसके अलावा, स्थानीय चिकित्सक और समाजसेवी भी इस आयोजन में मौजूद रहे, जिन्होंने इस संगीतमय माहौल का भरपूर आनंद लिया।

संगीत के रंग में रंगे कलाकार
कार्यक्रम में मोहम्मद रफ़ीक कादरी ने संचालन किया और उनके साथ अन्य गायक कलाकारों ने रफ़ी और मुकेश के सदाबहार गीतों को पेश किया। इन गीतों में आ लौट के आजा मेरे मीत जैसे मशहूर गाने शामिल थे, जिन्हें सुनकर श्रोता पुरानी यादों में खो गए। गायक कलाकारों की प्रस्तुति ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया और हॉल में तालियों की गूंज देर तक सुनाई दी। संस्था के अनवर अजमेरी ने बताया की कार्यक्रम में अहमद हारून कादरी, ख्वाजा हसन कादरी, एम रफीक कादरी, राजेंद्र बोथरा, नारायण बिहानी,अनवर अजमेरी, सुमन पंवार, दीपमाला, डा प्रवीण चतुर्वेदी, डॉ मनीष पुष्करणा, डॉ भूपेंद्र तिवारी, डॉ हिमांशु दाधीच, दिव्यांशु अग्रवाल, डॉ राकेश रावत, समुद्र सिंह राठौड़, कैलाश खरखोदिया, एम आर कुकरेजा एवं डॉ सी एस मोदी सहित अनेक गायक कलाकारों ने मोहम्मद रफी व मुकेश के गाए तराने पेश किए।

बीकानेर की सांस्कृतिक धरोहर का उत्सव
इस कार्यक्रम ने बीकानेर के सांस्कृतिक धरोहर को संजोने का प्रयास किया। अमन कला केंद्र के इस आयोजन ने न केवल शहर के संगीत प्रेमियों को एक मंच प्रदान किया, बल्कि इसे बीकानेर की सांस्कृतिक धरोहर के रूप में भी उभारा। इस तरह के आयोजन शहर के सांस्कृतिक परिदृश्य को समृद्ध करते हैं और इसके महत्व को और बढ़ाते हैं।

श्रोताओं की प्रतिक्रियाएं
कार्यक्रम में शामिल दर्शकों ने इस आयोजन को बेहद सराहा और इसे बीकानेर के सांस्कृतिक जीवन का अहम हिस्सा बताया। इस कार्यक्रम की सफलता इस बात का प्रमाण है कि संगीत की शक्ति लोगों को भावनात्मक रूप से जोड़ने में सक्षम है और यह समाज को एक साथ लाने का एक प्रभावी माध्यम हो सकता है।

आ लौट के आजा मेरे मीत कार्यक्रम ने बीकानेर के सांस्कृतिक जीवन में एक नई जान फूंकी। यह आयोजन न केवल संगीत प्रेमियों के लिए, बल्कि पूरे शहर के लिए एक खास अवसर साबित हुआ। ऐसे कार्यक्रमों के जरिए बीकानेर की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित किया जा सकता है और इसे आने वाली पीढ़ियों के लिए जीवित रखा जा सकता है।



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