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पत्रकारिता कार्यशाला: खबरों की सटीकता पर जोर, फोटोग्राफी से इंटरव्यू तक विशेषज्ञों ने दी महत्वपूर्ण जानकारी



अजय त्यागी 2024-08-31 10:20:50 स्थानीय

पत्रकारिता कार्यशाला
पत्रकारिता कार्यशाला

जय नारायण व्यास कॉलोनी स्थित रामपुरिया आईएमएस कॉलेज परिसर में चल रही तीन दिवसीय पत्रकारिता कार्यशाला के दूसरे दिन पत्रकारिता की बारीकियों पर ध्यान केंद्रित किया गया। इस कार्यशाला में पत्रकारिता के विभिन्न पहलुओं पर विशेषज्ञों ने अपने अनुभव साझा किए। खबरों की सटीकता, गोपनीयता, फोटोग्राफी, और साक्षात्कार की तकनीक पर आधारित कार्यशाला का यह दूसरा दिन नवोदित पत्रकारों के लिए एक महत्वपूर्ण मंच साबित हुआ।

फोटोग्राफी के अनुभव: 
कार्यशाला में दूसरे दिन के पहले सत्र में विश्व प्रसिद्ध प्रेस छायाकार दिनेश गुप्ता ने लेंस विद विजन सत्र में फोटोग्राफी के अपने गहरे अनुभव साझा किए। उन्होंने कहा कि एक पत्रकार की तरह, एक फोटोग्राफर का कैमरा भी हमेशा सक्रिय रहना चाहिए। दुर्घटनाएं, आयोजन, कलाकारों का प्रदर्शन, मौसम के बदलाव, और दैनिक जीवन की घटनाएं - ये सभी एक अच्छे फोटोग्राफर के लिए अनमोल क्षण हो सकते हैं।

तकनीकी सवालों के जवाब: 
दिनेश गुप्ता ने तकनीकी सवालों के भी जवाब दिए। उन्होंने कैमरों के प्रकार, लेंस की विविधता, और लाइटिंग के महत्व पर विस्तार से चर्चा की। उनकी इस चर्चा ने उपस्थित छात्रों और नवोदित फोटोग्राफरों को फोटोग्राफी की बारीकियों को समझने में काफी मदद की।

खबरों की सटीकता और विश्वसनीयता: 
कार्यशाला के दूसरे दिन दैनिक भास्कर के वरिष्ठ पत्रकार नवीन शर्मा ने खबरों की सटीकता और विश्वसनीयता पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि किसी भी खबर को प्रकाशित करने से पहले कम से कम तीन अलग-अलग स्रोतों से क्रॉस-चेक करना चाहिए। यह प्रक्रिया खबर की विश्वसनीयता को सुनिश्चित करती है और इसे पाठकों के बीच भरोसेमंद बनाती है। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता में गोपनीयता बनाए रखना बेहद जरूरी है, क्योंकि स्रोत का उजागर होना पत्रकार और खबर दोनों के लिए खतरे का कारण बन सकता है।

डिफेंस रिपोर्टिंग के संस्मरण: 
नवीन शर्मा ने डिफेंस रिपोर्टिंग के अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि खबर लिखते समय सजगता और सतर्कता बेहद आवश्यक होती है। उन्होंने बताया कि एक पत्रकार को कभी भी अपने खबर के स्रोत का खुलासा नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे उसकी विश्वसनीयता और सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है।

इंटरव्यू विधा पर चर्चा: 
कार्यशाला के तीसरे सत्र में न्यूज पोर्टल लॉयन एक्सप्रेस के संपादक हरिश बी शर्मा ने इंटरव्यू विधा पर चर्चा की। उन्होंने अपने अनुभवों के माध्यम से बताया कि एक साक्षात्कारकर्ता को हमेशा लोकतांत्रिक अधिकारों के साथ बातचीत करनी चाहिए। उन्होंने अमिताभ बच्चन और टॉम अल्टर जैसे दिग्गजों के साक्षात्कार के दौरान सीखे गए सबक साझा किए और बताया कि साक्षात्कार की तैयारी और सवालों का प्लान बी तैयार रखना क्यों जरूरी है।

फ्रीलांस पत्रकारों के लिए सलाह: 
हरिश बी शर्मा ने फ्रीलांस पत्रकारों को सलाह देते हुए कहा कि यदि आपके पास कोई ब्रांड नहीं है तो घबराएं नहीं। आपके हौसले और हुनर ही आपकी असली पहचान हैं। उन्होंने कहा कि पत्रकारों को अपनी गरिमा और सम्मान की रक्षा करना आना चाहिए, और उन्हें किसी का टूल नहीं बनना चाहिए।

कार्यशाला का समापन: 
कार्यशाला के तीसरे और अंतिम दिन रविवार को फर्स्ट इंडिया न्यूज के रेजिडेंट एडिटर लक्ष्मण राघव द्वारा टीवी रिपोर्टिंग पर, हिंदी के आचार्य डॉ ब्रज रतन जोशी द्वारा भाषा पर, और हरिशंकर आचार्य उपनिदेशक डीआईपीआर द्वारा मीडिया पंजीयन, एक्रीडियेशन तथा पत्रकारिता विषयों पर विशेष सत्र आयोजित किए जाएंगे।

यह तीन दिवसीय कार्यशाला पत्रकारिता के छात्रों और नवोदित पत्रकारों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर साबित हो रहा है। इसमें न केवल पत्रकारिता की तकनीकी और नैतिक मूल्यों पर सार्थक चर्चा हो रही है, बल्कि विशेषज्ञों द्वारा अपने अनुभवों के माध्यम से पत्रकारिता की जटिलताओं को भी उजागर किया जा रहा है। उम्मीद है कि इस कार्यशाला से प्राप्त ज्ञान और मार्गदर्शन प्रतिभागियों के भविष्य में सार्थक साबित होगा।



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