Fri, 20 September 2024 03:29:18am
चुनाव आयोग ने हरियाणा के लिए मतदान की तिथि 1 अक्टूबर से बढ़ाकर 5 अक्टूबर कर दी है। वहीं जम्मू-कश्मीर और हरियाणा विधानसभा चुनावों के लिए मतगणना की तिथि 4 अक्टूबर से बढ़ाकर 8 अक्टूबर कर दी है। चुनाव आयोग के मुताबिक यह निर्णय बिश्नोई समुदाय के मतदान के अधिकार और परंपराओं का सम्मान करने के लिए लिया गया है, जिन्होंने अपने गुरु जम्भेश्वर की याद में आसोज अमावस्या उत्सव मनाने की सदियों पुरानी प्रथा को कायम रखा है।
इस संबंध में चुनाव आयोग द्वारा नोटिफिकेशन में कहा गया है कि इसकी वजह से बड़ी संख्या में लोगों को मतदान के अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता है और हरियाणा विधानसभा के चुनाव मे इससे वोटरों की भागीदारी कम हो सकती है।
बता दें कि भाजपा ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर चुनाव की डेट से पहले और बाद में छुट्टियों की वजह से कम मतदान होने का हवाला दिया था। गौरतलब है कि हरियाणा विधानसभा की सभी 90 सीटों के लिए एक ही चरण में वोटिंग होगी। पहले चुनाव आयोग ने हरियाणा के लिए 1 अक्टूबर को मतदान कराने की घोषणा की थी और परिणाम 4 अक्टूबर को घोषित किए जाने थे। इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर में भी चुनाव तिथि की घोषणा की गई थी। यहां भी चुनाव के नतीजे 4 अक्टूबर को ही आने थे, लेकिन अब आयोग ने इन तारीखों में बदलाव किया है।
पहले भी बदली जा चुकी है वोटिंग की तारीख
चुनाव आयोग इससे पहले भी विभिन्न समुदायों की भावनाओं का सम्मान करते हुए मतदान की तिथियों को बदलता रहा है। उदाहरण के तौर पर 2022 में पंजाब विधानसभा चुनाव के दौरान ऐसा हुआ था। इस दौरान चुनाव आयोग ने गुरु रविदास जयंती पर वाराणसी जाने वाले भक्तों के लिए चुनाव सप्ताह भर के लिए स्थगित कर दिया था। इसी तरह, मणिपुर में 2022 के विधानसभा चुनाव में आयोग ने ईसाई समुदाय की रविवार की प्रार्थना को देखते हुए मतदान की तारीखें बदल दी थीं। इतना ही नहीं वर्ष 2023 के राजस्थान विधानसभा चुनाव में आयोग ने देवउठनी एकादशी पर होने वाली वोटिंग की डेट बदल दी थी, क्योंकि राज्य में सामूहिक विवाह के लिए यह अहम दिन है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2012 में बारावफात की वजह से मतदान की तारीख बदली गई थी।