Fri, 20 September 2024 03:23:06am
शनिवार को तमिलनाडु के तिरुनेलवेली शहर में लोग एक अद्भुत और दुर्लभ खगोलीय घटना का साक्षी बने। शहर में 90 सेकंड तक जीरो शैडो डे मनाया गया, जहां सूरज की किरणें सीधे सिर के ऊपर से गुजरने के कारण वस्तुओं की परछाई पूरी तरह से गायब हो गई। यह घटना न केवल वैज्ञानिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण थी, बल्कि इसे देखने वालों के लिए एक अद्भुत अनुभव भी साबित हुई।
जीरो शैडो डे क्या है?
जीरो शैडो डे एक विशेष खगोलीय घटना है जब सूर्य की किरणें किसी विशेष स्थान पर सीधे सिर के ऊपर से गुजरती हैं, जिससे वस्तुओं की परछाई पूरी तरह से गायब हो जाती है। यह घटना साल में दो बार होती है, जब सूर्य की स्थिति बिल्कुल सीधे ज़ेनिथ पर होती है। तिरुनेलवेली के निवासियों को इस घटना का साक्षी बनने का अवसर मिला, जब शनिवार को 90 सेकंड तक सूर्य की किरणें बिल्कुल सीधे ऊपर से गुजरती रहीं।
घटना का विवरण:
शनिवार को तिरुनेलवेली में सुबह करीब 12:30 बजे से लेकर 12:31:30 बजे तक जीरो शैडो डे देखा गया। इस दौरान शहर के लोग अपने आसपास की वस्तुओं को बिना परछाई के देख सकते थे। यह घटना केवल 90 सेकंड तक चली, लेकिन इसका असर गहराई से महसूस किया गया। खगोलशास्त्रियों और विज्ञान प्रेमियों के लिए यह एक अनूठा अवसर था, जिसे उन्होंने उत्साह के साथ देखा।
खगोलीय महत्व:
जीरो शैडो डे का खगोलीय महत्व काफी अधिक है। यह घटना केवल उन स्थानों पर होती है जो कर्क और मकर रेखा के बीच स्थित होते हैं। जब सूर्य की स्थिति इन स्थानों पर ज़ेनिथ के ठीक ऊपर होती है, तो इस तरह की घटना होती है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से, यह घटना धरती की स्थिति और सूर्य की गति के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करती है।
लोगों की प्रतिक्रिया:
इस अद्वितीय घटना को देखने के लिए तिरुनेलवेली के लोग बेहद उत्साहित थे। कई लोगों ने अपने घरों से बाहर निकलकर इस दृश्य का आनंद लिया। इस दौरान बच्चों और विज्ञान प्रेमियों के बीच विशेष रूप से उत्साह देखा गया। सोशल मीडिया पर भी इस घटना की तस्वीरें और वीडियो तेजी से वायरल हुए, जिनमें लोग इस अद्भुत अनुभव को साझा कर रहे थे।
शिक्षण संस्थानों और विज्ञान केंद्रों की भागीदारी:
जीरो शैडो डे के अवसर पर कई शिक्षण संस्थानों और विज्ञान केंद्रों ने विशेष कार्यशालाओं और सेमिनारों का आयोजन किया। इन कार्यक्रमों में छात्रों को इस घटना के वैज्ञानिक पहलुओं के बारे में जानकारी दी गई और उन्हें इसके महत्व को समझाने के लिए विशेष व्याख्यान दिए गए। यह कार्यक्रम छात्रों के लिए न केवल शिक्षाप्रद था, बल्कि उनके भीतर विज्ञान के प्रति रुचि को भी बढ़ावा देने वाला साबित हुआ।
भविष्य की संभावनाएं:
जीरो शैडो डे की घटना से प्राप्त जानकारी का उपयोग खगोलशास्त्र और भौतिकी के विभिन्न क्षेत्रों में किया जा सकता है। इस प्रकार की घटनाएं वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए महत्वपूर्ण डेटा प्रदान करती हैं, जो भविष्य में हमारे सौरमंडल और ग्रहों की गतिशीलता को समझने में मदद कर सकता है। तिरुनेलवेली में इस घटना के दौरान एकत्र किए गए डेटा का उपयोग अनुसंधान के विभिन्न क्षेत्रों में किया जा सकता है।
बहरहाल, तिरुनेलवेली में जीरो शैडो डे एक अद्भुत और दुर्लभ खगोलीय घटना के रूप में लोगों के सामने आया, जिसे देखने का मौका हर किसी को नहीं मिलता। यह घटना न केवल वैज्ञानिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण थी, बल्कि इसे देखने वालों के लिए एक अनूठा अनुभव भी था। ऐसी घटनाओं से न केवल हमारी विज्ञान के प्रति समझ बढ़ती है, बल्कि हमें अपने ब्रह्मांड की अद्भुतता का भी एहसास होता है।
VIDEO | Tamil Nadu: Tirunelveli observed Zero Shadow Day for 90 seconds on Saturday.
— Press Trust of India (@PTI_News) September 1, 2024
(Full video available on PTI Videos - https://t.co/n147TvqRQz) pic.twitter.com/WAQOCwPuja