Fri, 20 September 2024 03:03:07am
संथाल परगना के जिलों में बांग्लादेशी घुसपैठ से बदल रही डेमोग्राफी मामले में प्रार्थी दानियल दानिश की जनहित याचिका पर झारखंड हाईकोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद और जस्टिस अरुण कुमार राय की अदालत में गुरुवार को सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से अधिवक्ता तुषार मेहता ने बहस की।
तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि जितनी एजेंसियां हैं, सभी के अधिकारी के साथ एक बैठक करनी होगी। बैठक में सभी के साथ विचार करने के बाद शपथ पत्र दायर किया जाएगा। इसलिए समय दिया जाए। दलीलें सुनने के बाद खंडपीठ ने सुनवाई की अगली तारीख 12 सितंबर निर्धारित की है। खास बात है कि इस मामले में भारत निर्वाचन आयोग की तरफ से शपथ पत्र दायर कर दिया गया है। वहीं, राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि अभी सभी जिले से डाटा कलेक्ट नहीं किया गया है। इसके लिए समय दिया जाए।
संथाल के पांच जिलों के उपायुक्त ने अपने शपथ पत्र में स्पष्ट किया है कि वहां बांग्लादेशी घुसपैठ नहीं हुई है। इस पर खंडपीठ ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा है कि घुसपैठ का अगर एक भी ऐसा मामला सामने आएगा तो संबंधित उपायुक्त के खिलाफ कंटेंप्ट इनीशिएट किया जाएगा। यह जानकारी कोर्ट रूम में मौजूद याचिकाकर्ता दानियल दानिश ने दी है।
हाईकोर्ट ने इस मामले में बीएसएफ के डायरेक्टर जनरल, यूआईडीएआई के डायरेक्टर जनरल, मुख्य सूचना आयुक्त, आईबी के डायरेक्टर जनरल और एनआईए के डायरेक्टर को भी प्रतिवादी बनाते हुए अलग-अलग शपथ पत्र देने को कहा था। पिछली सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा था कि झारखंड में आदिवासियों की जनसंख्या कम होती जा रही है। फिर भी केंद्रीय संस्थानों की ओर से इतने संवेदनशील मसले पर जवाब दाखिल नहीं किया जा रहा है।
हाईकोर्ट में कब-कब हुई सुनवाई