Fri, 20 September 2024 03:19:09am
लखनऊ के ट्रांसपोर्ट नगर में शनिवार की शाम एक भयानक हादसा हुआ, जब एक तीन मंजिला इमारत अचानक भरभराकर गिर गई। यह हादसा न केवल लोगों की जानें ले गया बल्कि पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई। राहत और बचाव दलों ने रात भर मलबे में दबे लोगों को निकालने का प्रयास किया, जबकि कई लोग अभी भी लापता हैं। आखिर क्या वजह रही इस हादसे की? कैसे एक नई इमारत इस तरह गिर सकती है? आइए जानते हैं इस पूरे मामले की विस्तार से।
तीन मंजिला इमारत का अचानक गिरना और मच गई अफरा-तफरी
शनिवार की शाम ट्रांसपोर्ट नगर में तेज बारिश के बीच एक तीन मंजिला इमारत अचानक ढह गई। इस इमारत को बने अभी सिर्फ दस साल ही हुए थे, लेकिन इसके गिरने से पूरे इलाके में हड़कंप मच गया। आसपास के लोग चीखते-चिल्लाते हुए भागने लगे, और पुलिस व राहत दल मौके पर पहुंचे। इमारत के मलबे अब तक 32 लोग निकाले गए, जिनमें से 8 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई।
घटनास्थल पर राहत-बचाव का कार्य जारी
हादसे के तुरंत बाद पुलिस, एनडीआरएफ (NDRF), एसडीआरएफ (SDRF), और दमकल की टीमें मौके पर पहुंचीं। पूरी रात राहत-बचाव कार्य चलता रहा। मलबा इतना ज्यादा है कि रात भर खुदाई का काम जारी रहा और अब भी कई लोग मलबे में दबे होने की आशंका है। रेस्क्यू दल बेहद सतर्कता से काम कर रहे हैं क्योंकि इमारत का एक हिस्सा अभी भी गिरने की स्थिति में है, जिससे किसी भी तरह का और बड़ा हादसा हो सकता है।
कारोबारी समेत 8 लोगों की मौत
इस हादसे में शहर के प्रतिष्ठित कारोबारी जसमीत सिंह साहनी सहित 8 लोगों की मौत हो गई। अन्य मरने वालों में पंकज तिवारी, धीरज गुप्ता, अरुण सोनकर, राकेश कुमार, जगरूप, इंजीनियर रूद्र यादव, और राजकिशोर शामिल हैं। मृतकों के परिवारों में मातम छा गया है और इलाके में शोक की लहर है।
मलबे में फंसे घायलों का इलाज जारी
अब तक 32 लोग मलबे से निकाले जा चुके हैं, जिनमें से 24 लोगों को राजधानी के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। इनमें से 3 लोगों की हालत नाजुक बताई जा रही है, जिनका इलाज ट्रामा सेंटर में किया जा रहा है। घायल होने वालों में कई लोग गंभीर रूप से घायल हैं, जिनका इलाज शहर के लोकबंधु अस्पताल में चल रहा है।
रेस्क्यू में आ रही चुनौतियाँ
रेस्क्यू टीमों के सामने सबसे बड़ी चुनौती इमारत का बाकी हिस्सा है, जो अभी भी गिरने की कगार पर है। इससे बचाव कार्य में भी मुश्किलें आ रही हैं। रेस्क्यू टीम बहुत ही सतर्कता से काम कर रही है ताकि कोई और दुर्घटना न हो। अभी भी मलबे में कई लोग दबे हो सकते हैं, इसलिए राहत कार्य तेजी से जारी है।
इमारत के ढहने की वजह पर उठ रहे सवाल
बिल्डिंग के गिरने की वजह अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाई है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि इमारत की बनावट में कुछ खामियां हो सकती हैं। एलडीए (लखनऊ डेवलपमेंट अथॉरिटी) के उपसचिव अतुल कृष्ण सिंह ने कहा कि बिल्डिंग के नक्शे की जांच की जा रही है। इमारत का नक्शा 31 अगस्त 2010 को कुमकुम सिंघल द्वारा पास करवाया गया था और इसमें किसी भी तरह की बेसमेंट खोदाई नहीं की गई थी।
घटनास्थल पर मची भगदड़ और दहशत
इमारत ढहने के समय इलाके में भारी भगदड़ मच गई थी। बारिश के चलते लोग अपने घरों में थे, लेकिन अचानक से हुई इस घटना ने सबको हिला कर रख दिया। आसपास के लोगों ने पुलिस को तुरंत सूचना दी और मदद के लिए दौड़े। इमारत के ढहते ही पूरे इलाके में धूल का गुबार छा गया और चारों ओर दहशत फैल गई।
रेस्क्यू के दौरान मिली चुनौतियां
रेस्क्यू दल के लिए सबसे बड़ी चुनौती थी इमारत का 90% हिस्सा जो पूरी तरह से ढह चुका था। लेकिन टावर का एक हिस्सा अब भी खड़ा है, जिसका छज्जा और सीढ़ी लटक रहे हैं। इससे राहत और बचाव कार्यों में दिक्कतें आ रही हैं। टीमों को मलबे के नीचे दबे लोगों तक पहुंचने के लिए बेहद सावधानी से काम करना पड़ रहा है।
इमारत के निर्माण में खामियां?
एलडीए के अनुसार, बिल्डिंग के नक्शे में कोई खामी नहीं थी, लेकिन यह हादसा कैसे हुआ, यह अभी भी जांच का विषय है। हो सकता है कि निर्माण में गुणवत्ता की अनदेखी की गई हो, या फिर तेज बारिश के चलते बिल्डिंग की नींव कमजोर हो गई हो। इस पर अभी जांच चल रही है और आने वाले समय में हादसे की सही वजह का पता चल सकता है।
घटनास्थल पर मौजूद लोगों के बयान
घटनास्थल पर मौजूद लोगों का कहना है कि बिल्डिंग अचानक गिरी और किसी को बचने का मौका नहीं मिला। कई लोगों ने अपनी आंखों से देखा कि कैसे मलबे में लोग दब गए और चीखें सुनाई दीं। कंटेनर चालक राजेश ने बताया कि वह अपनी जान बचाने में कामयाब रहे क्योंकि वह समय रहते अपने ट्रक से कूद गए थे। उनका ट्रक आधा मलबे में दब चुका था।
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— TrendWith EA (@ejazalam2) September 7, 2024
A three-story building collapsed in Transport Nagar, Lucknow, with several people feared trapped under the debris. The building housed a pharmaceutical company’s warehouse. The incident occurred in the Sarojini Nagar area. Rescue operations are underway… #Lucknow… pic.twitter.com/7ALsKyD79a
क्या इमारत के मालिकों की लापरवाही थी जिम्मेदार?
बिल्डिंग के मालिकों पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। स्थानीय लोग आरोप लगा रहे हैं कि इमारत के निर्माण में लापरवाही बरती गई थी। कुछ का कहना है कि टावर की नींव मजबूत नहीं थी और लगातार बारिश के चलते इमारत कमजोर हो गई थी। प्रशासन द्वारा अभी इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन मामले की जांच की जा रही है।
भविष्य के लिए सबक: सुरक्षित निर्माण की ज़रूरत
यह हादसा एक बार फिर से हमारे सामने इमारतों की सुरक्षा और निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल खड़ा करता है। अगर समय रहते निर्माण में सावधानी बरती जाती और मानकों का पालन होता, तो शायद यह हादसा टाला जा सकता था। इस घटना से सीख लेते हुए, प्रशासन को अब और भी सतर्कता बरतनी होगी ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हो सकें।
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— Asjad (@mohd_asjad_) September 7, 2024
In a tragic incident, five people died while 24 were injured after a building collapsed at Transport Nagar in the Sarojini Nagar area of Lucknow..!!
NDRF and SDRF teams were rushed to the spot.
Our prayers with everyone..!!#LucknowBuildingCollaps #Lucknow pic.twitter.com/XFOkHtnGqK