Fri, 20 September 2024 03:21:58am
आतंकवाद के खिलाफ संयुक्त रूप से लड़ने के अभियानों के तहत भारत और अमेरिका की सेनाओं का संयुक्त युद्धाभ्यास सोमवार को बीकानेर की महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में शुरू हुआ। इस युद्धाभ्यास में दोनों सेनाओं के सैनिक अत्याधुनिक हथियारों से लैस होकर अभ्यास कर रहे हैं।
रॉकेट से लेकर हेलीकॉप्टर और मिसाइल तक मैदान में:
इस युद्धाभ्यास में अपाचे एम 777 और चिनूक हेलीकॉप्टर का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके साथ ही ड्रोन हमलों से युद्ध की स्थिति में बचाव को लेकर दोनों देशों के सैनिक एक-दूसरे के साथ अपने अनुभव साझा करेंगे। वहीं, रणनीति और तकनीक के इस्तेमाल से दुश्मन के मंसूबों को नाकामयाब करने का भी अभ्यास किया जाएगा। इसके साथ ही युद्धाभ्यास के दौरान अमेरिका सेना के आर्टिलरी रॉकेट सिस्टम का भी इस्तेमाल होगा, जिसकी मारक क्षमता 310 किलोमीटर है और यूक्रेन-रूस युद्ध के दौरान इस रॉकेट सिस्टम का उपयोग किया गया था।
दोनों देशों के 1200 सैनिक ले रहे भाग:
सेना प्रवक्ता कर्नल अमिताभ शर्मा ने बताया कि यह युद्धाभ्यास 22 सितंबर तक चलेगा। उन्होंने बताया कि संयुक्त सैन्याभ्यास के इस 20वें संस्करण में भारतीय सैन्य टुकड़ी का प्रतिनिधित्व राजपूत रेजिमेंट की एक बटालियन द्वारा की जा रही है। इसमें 600 भारतीय सैनिक अपने हथियारों के साथ शामिल हैं। कर्नल शर्मा ने बताया कि अभ्यास में 600 अमेरिकी सैन्य टुकड़ी का प्रतिनिधित्व अमेरिकी सेना के अलास्का स्थित 11वें एयरबोर्न डिवीजन की 1-24 बटालियन के सैनिकों द्वारा किया जा रहा है।
कर्नल शर्मा ने बताया कि इस युद्धाभ्यास का आयोजन साल 2004 से हर साल भारत और अमेरिका के बीच किया जाता है। यह संस्करण सैन्य शक्ति और उपकरणों के संदर्भ में संयुक्त अभ्यास के दायरे और जटिलता में उल्लेखनीय वृद्धि का प्रतीक है।
आतंक विरोधी अभियान:
उन्होंने बताया कि इस संयुक्त अभ्यास का उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र जनादेश के सातवें अध्याय के तहत सब-कन्वेंशनल माहौल में आतंकवाद विरोधी अभियान चलाने के लिए दोनों पक्षों की संयुक्त सैन्य क्षमता को बढ़ाना है। कर्नल शर्मा ने बताया कि यह अभ्यास सेमी डेजर्ट वातावरण में सैन्य एक्शन पर केंद्रित होगा। अभ्यास के दौरान किए जाने वाले सामरिक अभ्यासों में आतंकवादी कार्रवाई के लिए संयुक्त प्रतिक्रिया, संयुक्त योजना और संयुक्त क्षेत्र प्रशिक्षण अभ्यास शामिल हैं, जो वास्तविक दुनिया के आतंकवाद विरोधी मिशन का अनुकरण करते हैं।
एक-दूसरे के हथियारों को देखेंगे सैनिक:
उन्होने बताया कि यह युद्धाभ्यास दोनों पक्षों को संयुक्त अभियान चलाने की रणनीति, तकनीक और प्रक्रियाओं में सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने में सक्षम बनाएगा। इससे दोनों सेनाओं के बीच अंतर संचालन क्षमता बढ़ेगी। संयुक्त अभ्यास से रक्षा सहयोग भी बढ़ेगा। साथ ही दोनों मित्र राष्ट्रों के बीच द्विपक्षीय संबंध और मजबूत होंगे। युद्ध अभ्यास के दौरान दोनों सेनाओं के सैनिक एक दूसरे के हथियारों के बारे में जानेंगे और उन्होंने चलाना भी सीखेंगे।
झंडारोहण के साथ हुई शुरुआत:
वहीं, युद्धाभ्यास से पहले दोनों सेनाओं के सैनिकों और सैन्य अधिकारियों की मौजूदगी में दोनों देशों का झंडारोहण हुआ। उसके बाद युद्धाभ्यास की शुरुआत हुई।
Exercise #YudhAbhyas 2024
— ADG PI - INDIAN ARMY (@adgpi) September 9, 2024
The 20th edition of the Bilateral Joint Military Exercise #YudhAbhyas between #India & #USA, commenced with the opening ceremony at Mahajan Field Firing Ranges, #Rajasthan. The opening ceremony was attended by Brigadier General Thomas Burke, Deputy… pic.twitter.com/TnPIpTzSUi