Fri, 20 September 2024 03:09:12am
महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले के चांदगढ़ स्थित बुजवाड़े धनगरवाड़ा इलाका आज भी सड़क जैसी बुनियादी सुविधाओं से वंचित है। दरअसल, यहां एक बुजुर्ग को लकवा का दौरा पड़ने के बाद भी इलाज के लिए अस्पताल तक जाने के लिए सड़क सुविधा नहीं होने के कारण पूरी रात घर में रहने को मजबूर होना पड़ा।
जब सुबह हुई तो बीमार बुजुर्ग को इलाज के लिए ग्रामीणों ने उन्हें प्लास्टिक की टोकरी में बिठाकर अस्पताल ले गए। बुजुर्ग का नाम नवलू कस्तूरे बताया जा रहा है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक नवलू कस्तूरे नाम के बुजुर्ग को रविवार रात लकवे का दौरा पड़ा था। लेकिन धनगरवाड़ा से अस्पताल तक कोई सड़क नहीं होने की वजह से उन्हें पूरी रात घर पर ही रहना पड़ा। बाद में अगली सुबह ग्रामीणों ने जंगल के रास्ते पांच किलोमीटर पैदल चलकर उन्हें अस्पताल तक पहुंचाया। बुजुर्ग को आपातकालीन अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
जानकारी के मुताबिक, कोल्हापुर जिले के कई ऐसे गांव हैं, जहां अभी भी सड़क जैसी बुनियादी सुविधाओं से लोग वंचित हैं। खासकर मानसून के दौरान, धनगरवाड़ा के ग्रामीणों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। दरअसल, धनगरवाड़ा में मतदाता कम हैं। ऐसे में नाराज ग्रामिणों का सवाल है कि, क्या कम साक्षरता और कम संख्या के कारण जनप्रतिनिधि उनकी उपेक्षा कर रहे हैं?
चांदगढ़ विधानसभा क्षेत्र के विधायक राजेश पाटिल से जब इस बारे में संपर्क किया गया तो उन्होंने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि लोक निर्माण विभाग ने विधानसभा क्षेत्र के धनगरवाड़ा से संबंधित सड़कों के लिए कलेक्टर कार्यालय को प्रस्ताव भेजा है। पैतृक खेतों और घरों के कारण, लगभग 300 से 400 लोगों की आबादी वाले धनगरवाड़ा के निवासियों को इस जगह से दूसरी जगह भेजने की बात भी की गई लेकिन, वहां की जनता ऐसा करने के लिए तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि वे धनगरवाड़ा की सड़कों की समस्या को हल करने का प्रयास कर रहे हैं।