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भक्ति में सराबोर ध्वजा यात्रा का शुभारम्भ: 51 फीट विशाल ध्वजा के साथ भक्त चले कोडमदेसर भेरूजी की यात्रा पर 



अजय त्यागी 2024-09-14 10:59:52 स्थानीय

51 फीट ध्वजा के साथ निकली यात्रा
51 फीट ध्वजा के साथ निकली यात्रा

क्या आप जानते हैं कि इस बार छठी बार एक विशेष ध्वजा यात्रा ने भक्तों के दिलों में फिर से भक्ति का संचार किया? कुचेरा भेरूजी मंदिर, नागौरी मोहल्ला, पुरानी गिन्नानी से शुरू हुई यह अनोखी यात्रा, जिसमें 51 फीट विशाल ध्वजा के साथ भक्तगण बाबा की ज्योत लेकर निकले, अब भक्ति और आस्था की एक पहचान बन चुकी है। चलिए इस विशेष यात्रा के सभी पहलुओं को विस्तार से जानते हैं।

बीकानेर से कोडमदेसर तक 51 फीट ध्वजा के साथ निकली यात्रा
हर वर्ष की तरह इस बार भी कुचेरा भेरूजी मंदिर, नागौरी मोहल्ला, पुरानी गिन्नानी से भक्ति और श्रद्धा की इस यात्रा की शुरुआत हुई, जो बाबा कोडमदेसर भेरूजी मंदिर तक पहुंचेगी। यह यात्रा 51 फीट विशाल ध्वजा के साथ निकली, जिसमें यारियां लंगोटिया ग्रुप के सभी सदस्य पूरी भक्ति भावना के साथ शामिल रहे। यह यात्रा न केवल धार्मिक महत्व रखती है, बल्कि सामाजिक एकता और सांस्कृतिक विरासत को भी मजबूत करती है।

महिलाओं ने मंगल गीतों से दी शुभकामनाएं
इस यात्रा की शुरुआत कुचेरा भैरव मंदिर प्रांगण से हुई, जहां महिलाओं ने मंगल गीत गाकर भक्तों को विदा किया। गीतों की मधुर ध्वनि ने वातावरण को पूरी तरह से भक्तिमय बना दिया और श्रद्धालुओं के उत्साह में वृद्धि की। इस आयोजन ने यह साबित कर दिया कि धार्मिक यात्राएं केवल भक्ति का प्रतीक नहीं, बल्कि समाज में एकता और आपसी सहयोग का संदेश भी देती हैं।

दीपक सैनी के नेतृत्व में सफल आयोजन
इस विशेष यात्रा के आयोजक दीपक सैनी रहे, जिन्होंने अपने नेतृत्व में इसे भव्य रूप दिया। उनके साथ हेमंत सैनी, यशवंत, जयकिशन, हरीश, निर्मल, विशाल, वेदप्रकाश, गोविंद, त्रिभुवन, नंदू, धनराज, वंश, हर्षित, देवांश, भाग्यश्री, दृष्टि जैसे मित्र और कार्यकर्ता भी शामिल रहे। इन सभी ने न केवल इस यात्रा का आयोजन किया, बल्कि इसे सफलतापूर्वक अंजाम तक पहुंचाने में अपनी पूरी ऊर्जा और मेहनत झोंकी।

ध्वजा यात्रा: आस्था और परंपरा का संगम
ध्वजा यात्रा का आयोजन कुचेरा भेरूजी मंदिर से किया गया, जिसमें श्रद्धालु भक्तों ने बाबा की ज्योत के साथ यात्रा निकाली। यह यात्रा सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह आस्था और परंपरा का संगम है। 51 फीट लंबी ध्वजा भक्ति का प्रतीक है, जो हर साल हजारों भक्तों को एक साथ जोड़ती है और सामाजिक एकता का संदेश देती है।

भक्तों का उत्साह और भक्ति का माहौल
इस ध्वजा यात्रा के दौरान हर जगह भक्ति और उत्साह का माहौल देखने को मिला। भक्तजन ध्वजा के साथ चल रहे थे, और हर कदम पर बाबा भेरूनाथ के जयकारों की गूंज सुनाई दे रही थी। हर भक्त के चेहरे पर भक्ति की चमक और श्रद्धा की गहराई स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही थी।

कोडमदेसर भेरूजी: श्रद्धा का प्रमुख स्थल
कोडमदेसर भेरूजी मंदिर जहां यह यात्रा समाप्त होती है, राजस्थान के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है। यहाँ हर साल हजारों भक्त अपनी मन्नतें लेकर आते हैं और ध्वजा चढ़ाकर भगवान से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। इस बार भी भक्तगण ध्वजा यात्रा के साथ यहाँ पहुँचे और अपनी मन्नतें मांगी।

सामाजिक एकता का प्रतीक बनी ध्वजा यात्रा
ध्वजा यात्रा न केवल धार्मिक आयोजन है, बल्कि यह सामाजिक एकता और सहयोग का भी प्रतीक है। इस आयोजन में सभी वर्गों और समुदायों के लोग बिना किसी भेदभाव के शामिल होते हैं। यह यात्रा एकता और सद्भाव का संदेश देती है और समाज में भाईचारे को मजबूत करती है।

ध्वजा यात्रा का आयोजन एक महान धार्मिक और सामाजिक उत्सव है, जिसने भक्तों के दिलों में भक्ति और आस्था का संचार किया। यह यात्रा न केवल धार्मिक महत्व रखती है, बल्कि समाज को एकजुट करने और सांस्कृतिक विरासत को संजोने का काम भी करती है। कोडमदेसर भेरूजी में यात्रा की समाप्ति के साथ ही भक्तों ने भगवान से आशीर्वाद प्राप्त किया और अपनी मन्नतें पूरी करने की कामना की।



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