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महिला सशक्तिकरण का महाकुंभ: 400 से अधिक महिलाओं ने किया शक्ति प्रदर्शन, आत्मरक्षा और नेतृत्व पर जोर



अजय त्यागी 2024-09-15 09:52:58 स्थानीय

महिला सशक्तिकरण का महाकुंभ
महिला सशक्तिकरण का महाकुंभ

महिला सशक्तिकरण के महोत्सव में 400 से अधिक महिलाओं ने बढ़ाया आत्मविश्वास

राजस्थान के बीकानेर में 15 सितंबर 2024 को आयोजित क्षेत्रीय महिला संस्कार सम्मेलन "श्रीविधा" ने महिला सशक्तिकरण को एक नई दिशा दी। भारत विकास परिषद उत्तर पश्चिम क्षेत्र के इस आयोजन में प्रदेशभर की 400 से अधिक महिलाओं ने भाग लिया, जहां समाज में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी और उनके आत्मनिर्भरता की चर्चा ने माहौल को नई ऊर्जा दी।

पुलिस और समाज में महिलाओं की भागीदारी पर जोर
इस महत्त्वपूर्ण सम्मेलन का प्रथम सत्र बीकानेर की एसपी सुश्री तेजस्विनी गौतम के मार्गदर्शन से शुरू हुआ, जहां उन्होंने पुलिस में महिलाओं की भागीदारी पर जोर देते हुए कहा कि इस क्षेत्र में महिलाओं की संख्या को बढ़ाने की जरूरत है। उन्होंने यह भी कहा कि महिलाओं की सहभागिता हर क्षेत्र में होने से समाज में संतुलन बना रहता है, और यह उनके नेतृत्व कौशल को भी प्रदर्शित करता है।

आत्मरक्षा और आत्मनिर्भरता का संदेश
सृजनिका सत्र में बीकानेर के केंद्रीय कारागार की जेल अधीक्षक सुमन मालीवाल ने महिलाओं के आत्मरक्षा के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में महिलाओं को आत्मरक्षा के लिए प्रशिक्षित होना बेहद जरूरी है। इसके साथ ही आत्मनिर्भरता के प्रति जागरूक करते हुए, महिलाओं को आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए प्रेरित किया गया।

राष्ट्रीय स्तर पर महिलाओं की बढ़ती सक्रियता
भारत विकास परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री दुर्गादत्त शर्मा ने बताया कि संगठन में महिलाओं की सक्रिय भागीदारी राष्ट्रीय स्तर पर लगातार बढ़ रही है। पहली बार राष्ट्रीय कोर ग्रुप में महिलाओं का प्रतिनिधित्व हुआ है, जो इस बात का प्रमाण है कि संगठन में महिलाओं की भूमिका को और सशक्त किया जा रहा है।

प्रदेशभर से जुटीं महिलाएं, ऑनलाइन पंजीयन से बढ़ी सहभागिता
क्षेत्रीय महासचिव सीए संदीप बाल्दी ने बताया कि पूरे राजस्थान से 400 से अधिक महिलाओं ने सम्मेलन में भाग लिया। सभी महिलाओं ने ऑनलाइन पंजीयन के माध्यम से अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। इस दौरान प्रदेश भर में महिलाओं की सहभागिता के विभिन्न कार्यक्रमों पर चर्चा और समीक्षा की गई, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि महिलाओं की भागीदारी को और अधिक बढ़ावा मिले।

आत्मनिर्भरता और महिला सशक्तिकरण की दिशा में अहम कदम
सम्मेलन में नृत्य-नाटिका के माध्यम से महिला आत्मनिर्भरता, आत्मरक्षा और एनीमिया मुक्त भारत जैसे महत्वपूर्ण प्रकल्पों का प्रदर्शन किया गया। कार्यक्रम संयोजिका श्रीमती शशि चुग ने बताया कि इन कार्यक्रमों के माध्यम से महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में आवश्यक संदेश दिया गया, ताकि वे समाज में अपनी जगह मजबूत कर सकें।

चार सत्रों में हुआ भव्य आयोजन
प्रांतीय अध्यक्ष रितेश अरोड़ा ने बताया कि यह सम्मेलन राजस्थान उत्तर प्रांत की मीरा शाखा द्वारा आयोजित किया गया, जिसमें चार सत्रों का आयोजन हुआ। हर सत्र में महिलाओं की नेतृत्व क्षमता और सामाजिक सहभागिता पर विशेष ध्यान दिया गया। इस अवसर पर क्षेत्रीय सचिव व कार्यक्रम संयोजिका श्रीमती शशि चुग ने बताया कि इस आयोजन की सभी तैयारियां समयबद्ध तरीके से पूरी की गई थीं।

नेतृत्व क्षमता को बढ़ावा देने के लिए जोर
प्रांतीय महिला संयोजिका डॉक्टर दीप्ति वाहल और मीरा शाखा अध्यक्ष श्रीमती ऋतु मित्तल ने बताया कि इस सम्मेलन का उद्देश्य महिलाओं में नेतृत्व क्षमता को विकसित करना और उन्हें समाज में समान अवसर प्रदान करना था। तृतीय सत्र, जिसे अनंत प्रभा सत्र कहा गया, में सातों प्रांतों की महिला संयोजिकाओं ने अपनी बात रखी और समसामयिक विषयों पर चर्चा की। इसके साथ ही प्रबोधिनी प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता के माध्यम से भारत विकास परिषद की जानकारी से संबंधित प्रतियोगिता मे भी भाग लिया

सर्वश्रेष्ठ कार्य के लिए सम्मानित शाखाएं
अंतिम सत्र शौर्यवती सत्र में महिला सहभागिता के क्षेत्र में श्रेष्ठ कार्य करने वाली 35 शाखाओं और भामाशाहों को सम्मानित किया गया। बीकानेर की मीरा शाखा, डीडवाना शाखा, और सूरतगढ़ की थर्मल शाखा को उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए विशेष रूप से सम्मानित किया गया।

सम्मेलन का समापन और धन्यवाद ज्ञापन
कार्यक्रम के अंत में क्षेत्रीय संयुक्त महासचिव विनोद आढ़ा ने सभी अतिथियों और प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापित किया। इस भव्य आयोजन में सातों प्रांतों की महिला प्रमुखों और प्रांतीय दायित्वधारियों की उपस्थिति रही, जिसने कार्यक्रम को और अधिक सफल और प्रेरणादायक बनाया।



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