Fri, 20 September 2024 03:32:51am
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे के ऐलान ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है, लेकिन इस फैसले से ज्यादा चौंकाने वाला बयान आया है सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे का, जिन्होंने केजरीवाल को राजनीति में न जाने की सलाह पहले ही दे दी थी। अब, आखिरकार अन्ना की बात सच साबित हुई।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दो दिन बाद अपने पद से इस्तीफा देने का ऐलान किया है, जिसके बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है। इसी बीच, देश के जाने-माने सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे का बयान इस मामले में खासा ध्यान आकर्षित कर रहा है। अन्ना हजारे ने कहा कि उन्होंने अरविंद केजरीवाल को पहले ही राजनीति से दूर रहने और जनता की सेवा करने की सलाह दी थी, लेकिन केजरीवाल ने उनकी बात को नजरअंदाज कर दिया।
अन्ना हजारे का बयान:
अन्ना हजारे ने अपने बयान में कहा कि मैंने अरविंद को शुरुआत से ही कहा था कि उसे राजनीति में नहीं आना चाहिए, बल्कि जनता की सेवा करनी चाहिए। हमने कई वर्षों तक साथ काम किया और मैंने उसे यही सलाह दी, लेकिन उसने मेरी बात नहीं मानी। और आज जो होना था, वही हो रहा है।
केजरीवाल का राजनीतिक सफर:
अरविंद केजरीवाल ने अन्ना हजारे के साथ भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई थी। उस समय अन्ना हजारे का मानना था कि केजरीवाल को राजनीति से दूर रहकर सामाजिक सुधारों पर ध्यान देना चाहिए। हालांकि, केजरीवाल ने उनकी इस सलाह को नजरअंदाज करते हुए आम आदमी पार्टी की स्थापना की और दिल्ली के मुख्यमंत्री बने।
इस्तीफे की वजह और प्रतिक्रिया:
अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे के फैसले की वजह अब तक साफ तौर पर सामने नहीं आई है, लेकिन उनके इस कदम के बाद राजनीतिक विश्लेषक इसके संभावित कारणों पर चर्चा कर रहे हैं। केजरीवाल का यह इस्तीफा न केवल दिल्ली की राजनीति में बड़ा बदलाव ला सकता है, बल्कि उनकी पार्टी और उनके समर्थकों के लिए भी यह एक अहम मोड़ साबित हो सकता है।
अन्ना हजारे और केजरीवाल के रिश्ते:
अन्ना हजारे और अरविंद केजरीवाल का रिश्ता भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के दौरान मजबूत हुआ था। दोनों ने देश में पारदर्शिता और ईमानदारी के मुद्दों पर साथ मिलकर काम किया। हालांकि, जब केजरीवाल ने राजनीति में कदम रखने का फैसला किया, तो अन्ना हजारे ने इससे असहमति जताई थी और उन्हें चेतावनी दी थी कि राजनीति में आकर वे जनता की सेवा के अपने मूल उद्देश्य से भटक सकते हैं।
समाजसेवा बनाम राजनीति:
अन्ना हजारे हमेशा से मानते रहे हैं कि राजनीति में आकर समाजसेवा का असली उद्देश्य कमजोर हो जाता है। उनके अनुसार, जनता की सेवा राजनीति से बाहर रहकर भी की जा सकती है, और अरविंद केजरीवाल का इस्तीफा इस विचारधारा की पुष्टि करता है।
बहरहाल, अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे का ऐलान दिल्ली की राजनीति में एक बड़ा घटनाक्रम है, लेकिन अन्ना हजारे के बयान ने इस मामले को और भी महत्वपूर्ण बना दिया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में इस घटनाक्रम के क्या परिणाम सामने आते हैं और केजरीवाल के इस फैसले से आम आदमी पार्टी और दिल्ली की राजनीति पर क्या प्रभाव पड़ता है।
VIDEO | "I told him since the beginning that you should not join politics but serve the people. We have worked together for many years and told him the same thing. He never listened to me and today what had to happen has happened," says social activist Anna Hazare on Delhi CM… pic.twitter.com/o3WkRxfAGD
— Press Trust of India (@PTI_News) September 15, 2024