Join our Whatsapp Group

रेपो रेट में कटौती के लिए अभी करना होगा इंतजार, आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कारण



अजय त्यागी 2024-09-16 10:04:36 दिल्ली

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास - File Photo : Internet
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास - File Photo : Internet

आधारभूत ब्याज दरों यानी रेपो रेट में हाल-फिलहाल कटौती की उम्मीद कम ही है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने सोमवार को एक कार्यक्रम के दौरान कहा है कि ब्याज दरों में नरमी का फैसला मासिक आंकड़ों पर नहीं बल्कि लंबी अवधि की मुद्रास्फीति की स्थिति के आधार पर तय होगा।

आरबीआई गवर्नर की अध्यक्षता वाली मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की अगली बैठक 7 से 9 अक्टूबर के बीच होनी है, जिसमें ब्याज दरों पर फैसला होना है। भारतीय रिजर्व बैंक ने अगस्त में हुई पिछली बैठक में खाद्य पदार्थों की कीमतें बढ़ने की जोखिमों के बीच लगातार नौवीं बार रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा था। अगस्त की बैठक में, छह में से चार एमपीसी सदस्यों ने ब्याज दरों को अपरिवर्तित रखने के पक्ष में मतदान किया था।

सीएनबीसी इंटरनेशनल को दिए एक साक्षात्कार में दास ने कहा कि हमारा महंगाई के मोर्चे पर महीने-दर-महीने की गति पर रहेगा। मुद्रास्फीति बढ़ रही है या कम हो रही है, इसकी सावधानीपूर्वक निगरानी की जाएगी और उस आकलन के आधार पर निर्णय किए जाएंगे।

आरबीआई गवर्नर ने कहा कि सवाल यह नहीं है कि मौजूदा संदर्भ में, जैसे जुलाई में, मुद्रास्फीति लगभग 3.6 प्रतिशत पर आ गई, जो संशोधित संख्या है, और अगस्त में 3.7 प्रतिशत पर आ गई है। यह इतना महत्वपूर्ण नहीं है कि मुद्रास्फीति अभी कैसी है; हमें अगले छह महीनों के लिए, अगले एक साल के लिए, मुद्रास्फीति का क्या रुख है, इस पर ध्यान देना होगा। दास ने कहा कि इसलिए, मैं एक कदम पीछे हटना चाहूंगा और अधिक सावधानी से देखना चाहूंगा कि मुद्रास्फीति और विकास का भविष्य का प्रक्षेपवक्र क्या है, और उसके आधार पर, हम निर्णय लेंगे।

दास बोले- रेपो रेट पर एमपीसी की बैठक में चर्चा करेंगे और निर्णय लेंगे
यह पूछे जाने पर कि क्या आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) अक्टूबर की शुरुआत में दरों में कटौती पर सक्रिय रूप से विचार करेगी, दास ने जवाब दिया कि नहीं, मैं ऐसा नहीं कह सकता। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि हम एमपीसी में चर्चा करेंगे और निर्णय लेंगे। लेकिन जहां तक विकास और मुद्रास्फीति की गतिशीलता का सवाल है, मैं दो बातें कहना चाहूंगा। उन्होंने कहा कि एक, विकास की गति अच्छी बनी हुई है, भारत की विकास कहानी बरकरार है और जहां तक मुद्रास्फीति के दृष्टिकोण का सवाल है, हमें महीने-दर-महीने की गति को देखना होगा। उन्होंने कहा कि इसके आधार पर निर्णय लिया जाएगा।

दास ने आगे कहा कि रुपया वैश्विक स्तर पर सबसे कम अस्थिर मुद्राओं में से एक रहा है, खासकर 2023 की शुरुआत से। उन्होंने कहा कि अमेरिकी डॉलर और अस्थिरता सूचकांक के मुकाबले रुपया काफी स्थिर रहा है। यह पूछे जाने पर कि आरबीआई ने रुपये में अधिक अस्थिरता की अनुमति क्यों नहीं दी, गवर्नर ने कहा कि यदि आप अस्थिरता की अनुमति देते हैं, तो इससे किसे लाभ होता है? इससे अर्थव्यवस्था को कोई लाभ नहीं होता है। तो फिर हम अस्थिरता की अनुमति क्यों देंगे? उन्होंने आगे स्पष्ट किया कि विनिमय दरों में उतार-चढ़ाव स्वाभाविक है, लेकिन अत्यधिक अस्थिरता नुकसानदेह होगी।

उन्होंने कहा कि हमारी घोषित नीति रुपये में अत्यधिक अस्थिरता को रोकना है। आरबीआई गवर्नर ने आगे कहा कि स्थिर रुपया बनाए रखने से बाजार, निवेशकों और व्यापक अर्थव्यवस्था में विश्वास पैदा होता है। दास ने आगे कहा कि आरबीआई वित्तीय स्थिरता बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है और बैंक इसे सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाएगा।



प्रकाशन हेतु समाचार, आलेख अथवा विज्ञापन 6376887816 (व्हाट्सएप) या rextvindia@gmail.com पर भेजें...