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धर्म नगरी में गौ माता की लापरवाही पर सवाल! जन्मदिन के मौके पर गौसेवा में जुटे दिनेश सिंह भदौरिया ने खोले चौंकाने वाले राज



अजय त्यागी 2024-09-17 10:58:46 स्थानीय

समाज सेवी दिनेश सिंह भदौरिया
समाज सेवी दिनेश सिंह भदौरिया

गाय की सेवा के नाम पर चंदा, मगर मदद नदारद– एक सवाल जो हर गौ प्रेमी को झकझोर देता है। 

बीकानेर में गौ सेवा का एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने धर्म और सेवा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अपने 59वें जन्मदिन के मौके पर गौ सेवक दिनेश सिंह भदौरिया ने इस अनदेखी और फरेबी चंदाखोरी के खेल का पर्दाफाश किया। उन्होंने अपनी आंखों देखी और अनुभव साझा करते हुए बताया कि कैसे बड़े-बड़े दावे करने वाले गौ सेवकों ने मुश्किल वक्त में गौ माता को मरने के लिए छोड़ दिया।

धर्म नगरी बीकानेर की सच्चाई – गौसेवा पर बड़े सवाल
बीकानेर की भूमि हमेशा से धार्मिक और दानवीरों की भूमि मानी जाती रही है, लेकिन क्या यहां के गौसेवकों की सच्चाई वाकई उजली है? गौ सेवक दिनेश सिंह भदौरिया ने अपने 59वें जन्मदिन पर गौ माता की सेवा के दौरान एक ऐसी घटना का सामना किया जिसने गौसेवा के नाम पर हो रही फरेबबाजी को उजागर कर दिया। उन्होंने इस घटना के जरिए यह सवाल को उठाया कि आखिर उन गौ सेवकों का क्या हुआ, जो दान के नाम पर चंदा तो लेते हैं, मगर ज़रूरत के समय नदारद रहते हैं?

गौसेवा के 45 साल – सवाल उठाती सच्चाई
गौ माता और सामान सेवा में अपने जीवन के 45 साल बिता चुके दिनेश सिंह भदौरिया ने इस दुखद घटना को अपने जीवन की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक बताया। उन्होंने बताया कि गौ माता और बछड़े की सेवा के लिए उन्होंने अपनी पूरी ताकत झोंक दी, मगर इस दौरान उन्होंने एक ऐसी सच्चाई का सामना किया जो गौ सेवा के नाम पर धोखा दे रहे लोगों का पर्दाफाश करती है।

चंदा करने वाले गौ सेवकों की हकीकत
इस घटना ने एक बड़ा सवाल खड़ा किया – आखिर वो गौ सेवक कहां गए जो बड़े-बड़े चंदे के जरिए गौ सेवा की बातें करते हैं? दिनेश सिंह ने बताया कि एक गौ माता और उसके बछड़े को बीमार अवस्था में देखकर उन्होंने मदद के लिए एक ऐसे व्यक्ति से संपर्क किया जिसने लाखों रुपए का चंदा लेकर लिफ्ट वाली एंबुलेंस मंगवाई थी। मगर नतीजा निराशाजनक था – वो गौ सेवक मौके पर आने के बजाय बहाने बनाने लगे।

सही गौ सेवक और सही सेवा – एक सच्ची मिसाल
जब लिफ्ट वाली एंबुलेंस न पहुंच पाई, तब दिनेश सिंह भदौरिया ने सही गौ सेवकों की मदद ली। बीकानेर कृषि आढ़त व्यापार संघ द्वारा संचालित गौसेवा के पेडिवाल जी द्वारा 20 मिनट में ही डॉक्टर अनिल लीलड़ को मौके पर भेजा गया। डॉक्टर लीलड़ ने अपनी पूरी निष्ठा और सेवा भावना से पहले गाय के शरीर को ठीक किया, फिर बछड़े का उपचार किया। इस सच्ची सेवा ने दिखाया कि सच्चे गौसेवक वही हैं जो वक्त पर काम आएं, न कि केवल नाम और चंदे के लिए दावे करें।

जिम्मेदारियों से पीछे हटते गौसेवक
गौसेवा के नाम पर बड़ा चंदा लेने वाले लोग उस वक्त कहां गायब हो जाते हैं जब असली जरूरत होती है? दिनेश सिंह ने इस सवाल को उठाते हुए कहा कि इस घटना ने उन्हें और समाज को यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि जो लोग गौ सेवा के नाम पर चंदा लेते हैं, उनकी असली मंशा क्या होती है। जब गौ माता की जान खतरे में थी, तब वो लोग वहां क्यों नहीं पहुंचे?

गौ प्रेमी और पशु प्रेमी का असली मतलब
इस घटना ने यह भी साफ किया कि सच्चे गौ प्रेमी कौन होते हैं। दिनेश सिंह ने जे. डी. भाटी का विशेष जिक्र किया, जिन्होंने इस मामले में सही समय पर रिस्पॉन्स देकर साबित किया कि असली पशु प्रेमी वही होते हैं जो केवल शब्दों से नहीं बल्कि कर्मों से मदद करते हैं। उन्होंने कहा कि आधे घंटे में मदद न मिलने पर जे डी भाटी खुद और उनकी टीम मौके पर पहुंच जाते।

गौसेवा के नाम पर हो रहे फरेब से सावधान रहें
इस दौरान भदौरिया ने विडियो जारी कर गौ माता की सेवा के नाम पर हो रहे फरेब से सावधान रहने की अपील की। दिनेश सिंह ने समाज के लोगों से निवेदन किया है कि अगर आप गौ सेवा के नाम पर कोई आर्थिक सहयोग देना चाहते हैं तो पहले उसकी सच्चाई की जांच जरूर करें। उन्होंने कहा कि आजकल गौ सेवा के नाम पर बहुत से लोग केवल पैसे इकट्ठा करते हैं, मगर ज़रूरत के वक्त गायों को उनके हाल पर छोड़ देते हैं।

बीकानेर की गौ सेवा में सच्चे हीरो
इस घटना में कई सच्चे गौसेवकों ने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। भीम सिंह, सूरज सिंह भदौरिया, बजरंग सिंह सोढ़ा, संजय बिनावारा, बजरंग सोनी और शिवम् सिंह भदौरिया जैसे लोग गौ माता की सेवा में दिन-रात जुटे रहते हैं। इनकी सेवाओं ने साबित कर दिया कि सच्ची सेवा बिना किसी दिखावे और चंदे के भी की जा सकती है।

धर्म नगरी के सच्चे गौ सेवक – एक प्रेरणा
इस घटना के जरिए गौसेवक देव किशन चांडक, पूर्व मंत्री देवी सिंह भाटी और नोखा के कुलरिया परिवार की सेवाओं की भी चर्चा की गई। ये लोग गौ माता की सेवा को अपने जीवन का उद्देश्य मानकर दिन-रात समर्पित रहते हैं। उन्होंने ना केवल गौ सेवा को अपना धर्म माना, बल्कि इस सेवा के जरिए समाज को एक सच्ची प्रेरणा भी दी है।

जन्मदिन के मौके पर गौ माता की सेवा – दिनेश सिंह की अपील
अपने 59वें जन्मदिन के मौके पर दिनेश सिंह भदौरिया ने गौ माता की सेवा करते हुए समाज के लोगों से अपील की है। उन्होंने उन सभी लोगों का धन्यवाद किया जिन्होंने उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं और इस मौके पर समाजसेवा में मदद की। दिनेश सिंह का कहना है कि जन्मदिन का असली मतलब तभी है जब हम दूसरों की सेवा के लिए कुछ कर सकें।

समाज में गौ सेवा के नाम पर हो रहे फरेब को रोकने की जिम्मेदारी हम सभी की है। इस घटना ने यह साफ कर दिया कि सच्चे गौसेवक वही हैं जो बिना किसी लालच के सेवा करते हैं। इसलिए हर व्यक्ति को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि उसकी दानराशि सही जगह पर लगे और किसी के साथ धोखा न हो।



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