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मोदी कैबिनेट ने वन नेशन वन इलेक्शन पर लगाई मुहर, पास हुआ प्रस्ताव



अजय त्यागी 2024-09-18 10:16:13 दिल्ली

कैबिनेट की बैठक
कैबिनेट की बैठक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली कैबिनेट ने भारत में वन नेशन वन इलेक्शन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। कैबिनेट ने बुधवार को हुई बैठक में देश में एक साथ चुनाव कराने के प्रस्ताव को मंजूरी दी। कोविंद समिति ने भी दो चरणों में लोकसभा, विधानसभा और स्थानीय निकायों के चुनाव कराने का सुझाव दिया है। समिति ने कहा है कि पहले चरण में लोकसभा और राज्यसभा के चुनाव एक साथ कराए जाने का प्रस्ताव है, जबकि दूसरे चरण में उसके 100 दिन के भीतर स्थानीय निकायों के चुनाव कराने का प्रस्ताव है। समिति ने कहा है कि सभी चुनावों के लिए एक ही मतदाता सूची हो।

उल्लेखनीय है कि वन नेशन, वन इलेक्शन को लागू करने के लिए एक क्रियान्वयन समूह का गठन किया जाएगा। क्रियान्वयन समूह भी मंत्रिमंडल द्वारा पारित सिफारिशों पर राजनीतिक दलों तथा अन्य हितधारकों से रायशुमारी करेगा। उसके बाद इसके लिए जरूरी संविधान संशोधन विधेयक को संसद में पेश किया जाएगा।

एक प्रश्न के उत्तर में अश्विनी वैष्णव ने बताया कि सरकार विधेयक लाने से पहले आम सहमति बनाने के लिए राजनीतिक दलों के साथ विस्तार पूर्वक चर्चा करेगी। यह पूछे जाने पर कि क्या 2029 के लोकसभा चुनाव के साथ वन नेशन, वन इलेक्शन को लागू किया जाएगा, वैष्णव ने कहा कि अभी यह कहना संभव नहीं है कि इसे किस चुनाव से लागू किया जाएगा।

वहीं, केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट की मीटिंग पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक राष्ट्र, एक चुनाव पर कोविंद पैनल की रिपोर्ट स्वीकार कर ली है। इससे चुनाव में होने वाले खर्च का बोझ कम होगा। केंद्रीयमंत्री ने कहा कि कैबिनेट की बैठक में वीनस ऑर्बिटर मिशन, गगनयान के विस्तार और चंद्रयान-4 मिशन को भी मंजूरी दी गई है।

लोकतंत्र को और अधिक जीवंत बनाने की दिशा में अहम : पीएम मोदी
इस संबंध में पीएम नरेंद्र मोदी ने एक्स पर पोस्ट कर कहा है कि कैबिनेट ने एक साथ चुनाव कराने संबंधी उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है। मैं इस प्रयास की अगुआई करने और विभिन्न हितधारकों से परामर्श करने के लिए हमारे पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की सराहना करता हूं। यह हमारे लोकतंत्र को और भी अधिक जीवंत और सहभागी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

साथ ही पीएम ने कहा कि इससे सभी को गर्व होगा कि चंद्रयान-4 को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। इससे कई लाभ होंगे। जिनमें भारत को अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियों में और भी अधिक आत्मनिर्भर बनाना, नवाचार को बढ़ावा देना और शिक्षा जगत को समर्थन देना शामिल है।

इससे पहले मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के 100 दिन पूरे होने पर गृह मंत्री अमित शाह ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा था कि इस कार्यकाल के पूरा होने से पहले ही देश में एक राष्ट्र, एक चुनाव लागू कर दिया जाएगा।

बता दें कि इस साल की शुरुआत में पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक हाई लेवल पैनल ने लोकसभा और राज्य विधान सभाओं दोनों के लिए एक साथ चुनाव कराने की सिफारिश की थी। इसके लिए पैनल ने 18 संवैधानिक संशोधनों का भी सुझाव दिया, जिनमें से अधिकांश को राज्य विधानसभा की मंजूरी की आवश्यकता नहीं है, लेकिन संवैधानिक संशोधन विधेयक के रूप में संसद की मंजूरी की आवश्यकता होगी।

32 राजनीतिक दलों का समर्थन
पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली समिति ने इस मुद्दे पर 62 पार्टियों से संपर्क किया था। इनमें 47 राजनीतिक दलों ने अपनी राय दी थी, जबकि 15 पार्टियों ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी थी। प्रतिक्रिया देने वाले 47 दलों में से 32 ने एक साथ चुनाव कराने के विचार का समर्थन किया था, जबकि 15 पार्टियों ने इसका विरोध किया था।

वन नेशन वन इलेक्शन के फायदे
देशभर में एक साथ चुनाव करवाने पर करोड़ों रुपये की बचत होगी। साथ ही चुनाव आयोग को बार-बार चुनाव कराने से निजात मिलेगी। एक साथ चुनाव होने से फोकस चुनाव पर नहीं बल्कि विकास पर होगा। साथ ही बार-बार आचार संहिता लगाने की जरूरत नहीं होगी। इससे काले धन पर लगाम लगाने में भी मदद मिलेगी।

राज्य चुनाव अधिकारियों के परामर्श
पैनल ने राज्य चुनाव अधिकारियों के परामर्श से भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) द्वारा एक सामान्य मतदाता सूची और मतदाता पहचान पत्र तैयार करने की भी सिफारिश की है। वर्तमान में, ईसीआई लोकसभा और विधानसभा चुनावों के लिए जिम्मेदार है, जबकि नगर पालिकाओं और पंचायतों के लिए स्थानीय निकाय चुनावों का प्रबंधन राज्य चुनाव आयोगों द्वारा किया जाता है।



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