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फिल्म देखते हुए हुई ब्रेन सर्जरी! जूनियर एनटीआर की फिल्म के साथ डॉक्टरों ने की बड़ी सफलता हासिल



अजय त्यागी 2024-09-18 07:19:41 आंध्र प्रदेश

फिल्म देखते हुए हुई ब्रेन सर्जरी
फिल्म देखते हुए हुई ब्रेन सर्जरी

सर्जरी का नाम सुनते ही आमतौर पर मरीजों के चेहरे पर चिंता की लकीरें उभर आती हैं, लेकिन एक 55 वर्षीय महिला के साथ जो हुआ, वह सचमुच अकल्पनीय था। क्या आपने कभी सोचा है कि अस्पताल में ऑपरेशन थिएटर में गंभीर सर्जरी के दौरान आप अपनी पसंदीदा फिल्म देख सकते हैं? आंध्र प्रदेश में काकीनाडा के एक सरकारी अस्पताल में डॉक्टरों ने ऐसा ही कर दिखाया। आइए जानते हैं, कैसे मरीज ने जूनियर एनटीआर की फिल्म अदुर्स देखते हुए ब्रेन सर्जरी करवाई और यह कैसे मुमकिन हुआ!

मरीज की अद्भुत सर्जरी
55 वर्षीय अनंतालक्ष्मी, जो ब्रेन ट्यूमर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रही थीं, हाल ही में आंध्र प्रदेश में काकीनाडा के सरकारी अस्पताल में एक अनोखी सर्जरी से गुजरीं। डॉक्टरों की एक विशेषज्ञ टीम ने उनकी सर्जरी को इस तरह अंजाम दिया कि यह घटना चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गई। इस सर्जरी की खास बात यह रही कि मरीज ने अपनी पसंदीदा फिल्म अदुर्स देखते हुए यह ऑपरेशन करवाया। जूनियर एनटीआर की यह फिल्म उनके दिल के बेहद करीब है, और जब यह फिल्म ऑपरेशन थिएटर में चली, तो मरीज की चिंता गायब हो गई।

अवेक ब्रेन सर्जरी: कैसे हुई यह अद्वितीय सर्जरी
सर्जरी के दौरान जो तकनीक इस्तेमाल की गई, उसे अवेक क्रैनियोटॉमी कहा जाता है, जिसे सामान्य भाषा में अवेक ब्रेन सर्जरी कहा जाता है। इस सर्जरी में मरीज को बेहोश नहीं किया जाता, बल्कि वह ऑपरेशन के दौरान पूरी तरह जाग्रत रहता है। सर्जरी के दौरान मरीज अपनी बाहरी संवेदनाओं को महसूस कर सकता है, बातचीत कर सकता है, और यहां तक कि फिल्म भी देख सकता है, जैसा कि अनंतालक्ष्मी के केस में हुआ। डॉक्टरों ने इस प्रक्रिया का इस्तेमाल कर न केवल मरीज को चिंता मुक्त रखा, बल्कि ऑपरेशन के दौरान उसके मस्तिष्क की गतिविधियों को भी मॉनिटर किया, जिससे सर्जरी का सफल अंजाम हो सका।

ब्रेन ट्यूमर का पता कैसे चला
पिछले कुछ हफ्तों से अनंतालक्ष्मी अपने शरीर के दाहिने हिस्से में संवेदनहीनता महसूस कर रही थीं, जिससे उन्हें सामान्य कार्यों में दिक्कत हो रही थी। सिर में तेज दर्द की शिकायत भी थी। कई निजी अस्पतालों में दिखाने के बावजूद बीमारी का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया। आखिरकार, एक सरकारी अस्पताल में मेडिकल जांच के दौरान डॉक्टरों ने पाया कि उनके मस्तिष्क के बाएं हिस्से में 3.3 x 2.7 सेंटीमीटर का ट्यूमर विकसित हो चुका था।

निजी अस्पतालों की कीमत से निराश हुईं मरीज
अनंतालक्ष्मी ने पहले कई निजी अस्पतालों में सर्जरी के लिए संपर्क किया, लेकिन भारी खर्च और जटिल प्रक्रियाओं के कारण वह निराश होकर पीछे हट गईं। निजी अस्पतालों में अत्यधिक शुल्क और लंबी प्रक्रिया के चलते उन्होंने सरकारी अस्पताल की तरफ रुख किया, जहां उन्होंने आखिरकार सर्जरी करवाने का निर्णय लिया। यह फैसला उनके जीवन का सबसे महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ, क्योंकि काकीनाडा के सरकारी अस्पताल की मेडिकल टीम ने बिना किसी आर्थिक बोझ के उनकी सफल सर्जरी कर दी।

फिल्म के साथ ऑपरेशन, मरीज को चिंता से बचाने की रणनीति
सर्जरी से पहले डॉक्टरों ने सुनिश्चित किया कि ऑपरेशन के दौरान मरीज को मानसिक रूप से पूरी तरह रिलैक्स रखा जाए। इसलिए उन्होंने मरीज की पसंदीदा फिल्म अदुर्स चलाने का निर्णय लिया। यह फिल्म मरीज की पसंदीदा होने के कारण उनके मानसिक तनाव को कम करने में मददगार साबित हुई। सर्जरी के दौरान मरीज न केवल जाग्रत रही, बल्कि पूरी फिल्म का आनंद भी लिया, जिससे यह अनुभव उनके लिए बिल्कुल नया और आरामदायक हो गया। सर्जरी के दौरान फिल्म दिखाने की यह तकनीक, जो सर्जरी के परिणाम पर भी सकारात्मक प्रभाव डालती है, चिकित्सा क्षेत्र में एक अनूठी सफलता मानी जा रही है।

अद्वितीय सफलता: मरीज और अस्पताल दोनों के लिए
सरकारी अस्पताल में इस तरह की जटिल सर्जरी का सफलतापूर्वक अंजाम दिया जाना न केवल अनंतालक्ष्मी के लिए, बल्कि अस्पताल के लिए भी एक बड़ी उपलब्धि है। सर्जरी की जटिलता और मरीज की गंभीर स्थिति को देखते हुए यह ऑपरेशन अस्पताल की मेडिकल टीम के लिए भी चुनौतीपूर्ण था। लेकिन डॉक्टरों की कुशलता और तकनीकी विशेषज्ञता की बदौलत इस प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पूरा किया गया। मरीज ने सर्जरी के बाद स्वास्थ्य में तेजी से सुधार दिखाया और उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।

फिल्म देखते हुए सर्जरी का विज्ञान
अवेक क्रैनियोटॉमी विधि का इस्तेमाल जटिल ब्रेन सर्जरी में किया जाता है, खासकर तब जब मरीज के मस्तिष्क के उन हिस्सों में हस्तक्षेप करना जरूरी हो, जो उसकी बोलने, चलने, या महसूस करने की क्षमताओं से संबंधित हों। इस प्रक्रिया में मरीज को ऑपरेशन के दौरान जगा कर रखा जाता है ताकि डॉक्टर मरीज की प्रतिक्रियाओं को देखकर सर्जरी की दिशा को नियंत्रित कर सकें। इस केस में फिल्म का इस्तेमाल एक टूल के रूप में किया गया ताकि मरीज को सर्जरी के दौरान मानसिक रूप से शांत रखा जा सके।

सरकारी अस्पताल की बढ़ती साख
इस सफल सर्जरी ने सरकारी अस्पताल की साख को नई ऊंचाइयों तक पहुंचा दिया है। अक्सर निजी अस्पतालों की जटिलताओं और खर्चों से बचने के लिए लोग सरकारी अस्पतालों की ओर मुड़ते हैं, और इस मामले ने साबित कर दिया कि सरकारी स्वास्थ्य सेवाएं भी तकनीकी और विशेषज्ञता के मामले में पीछे नहीं हैं। अस्पताल प्रशासन ने भी इस सर्जरी को अस्पताल के लिए एक बड़ी उपलब्धि बताया और डॉक्टरों की टीम को उनके प्रयासों के लिए सराहा।

मरीज की प्रतिक्रिया
सर्जरी के बाद अनंतालक्ष्मी ने अपने अनुभव को साझा करते हुए कहा कि वह ऑपरेशन से पहले काफी घबराई हुई थीं, लेकिन जैसे ही फिल्म चलनी शुरू हुई, उनका सारा तनाव गायब हो गया। उन्होंने डॉक्टरों की तारीफ करते हुए कहा कि सर्जरी के दौरान फिल्म दिखाने का यह तरीका उन्हें बहुत अच्छा लगा और इससे उनका ध्यान सर्जरी से हट गया।

सर्जरी के बाद मरीज की सेहत
सर्जरी के बाद मरीज की सेहत में लगातार सुधार हो रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि आने वाले दिनों में उनकी स्थिति पूरी तरह सामान्य हो जाएगी। सर्जरी के बाद मरीज को कोई गंभीर दिक्कत नहीं आई और वह तेजी से रिकवरी कर रही हैं।

चिकित्सकीय विज्ञान में नया अध्याय
यह सर्जरी चिकित्सा विज्ञान के लिए एक नए अध्याय के रूप में देखी जा रही है, जहां मरीज की मानसिक और शारीरिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए ऑपरेशन का प्लान तैयार किया गया। इस सर्जरी ने यह साबित कर दिया है कि चिकित्सा विज्ञान न केवल तकनीकी रूप से उन्नत हो रहा है, बल्कि मरीज की भावनात्मक स्थिति का भी ध्यान रखा जा रहा है।



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