Sun, 29 December 2024 11:06:12pm
कोलकाता के प्रसिद्ध आर. जी. कर मेडिकल कॉलेज में वित्तीय अनियमितताओं और परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक करने से जुड़े गंभीर आरोपों का पर्दाफाश हो चुका है। सीबीआई द्वारा की गई जांच में यह पता चला है कि कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और उनके सहयोगी आशिष पांडे ने मेडिकल छात्रों से पैसे लेकर प्रश्नपत्र लीक किए। इस घटना ने न केवल कॉलेज की साख पर सवाल उठाए हैं, बल्कि राज्य की चिकित्सा शिक्षा प्रणाली पर भी गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
सीबीआई की जांच में बड़े खुलासे
सीबीआई ने आर. जी. कर मेडिकल कॉलेज में वित्तीय अनियमितताओं और प्रश्नपत्र लीक मामले में कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और उनके घरेलू कर्मचारी आशिष पांडे को हिरासत में लिया है। जांच में यह सामने आया कि संदीप घोष, पांडे के माध्यम से छात्रों से पैसे लेते थे और उन्हें परीक्षा में सफल होने के लिए प्रश्नपत्र उपलब्ध कराते थे। सीबीआई ने इस मामले में घोष और पांडे के बैंक खातों की जांच शुरू की है, जिससे इन अवैध लेन-देन की पुष्टि हो सके। इस घोटाले में पश्चिम बंगाल मेडिकल काउंसिल (WBMC) के कुछ प्रभावशाली व्यक्तियों के भी शामिल होने की आशंका है, जो अब सीबीआई की नजर में हैं।
वित्तीय अनियमितताओं के और भी आरोप
संदीप घोष पर सिर्फ प्रश्नपत्र लीक करने के आरोप ही नहीं, बल्कि कॉलेज की निविदा प्रणाली में हेरफेर करने, बायोमेडिकल कचरे की तस्करी, और अनजान शवों के अंगों की अवैध बिक्री जैसे गंभीर आरोप भी लगाए गए हैं। सीबीआई ने घोष के साथ-साथ अन्य तीन लोगों को भी गिरफ्तार किया है, जो इस वित्तीय अनियमितताओं में शामिल बताए जा रहे हैं। इन्हें कोलकाता की एक विशेष अदालत में सोमवार को पेश किया जाएगा।
कॉलेज में प्रशासनिक सख्ती
इस घोटाले के सामने आने के बाद आर. जी. कर मेडिकल कॉलेज के प्रशासन ने भी कड़े कदम उठाए हैं। कॉलेज प्रशासन ने आशिष पांडे समेत 10 डॉक्टरों को निलंबित कर दिया है। यह कदम कॉलेज की साख को बचाने और छात्रों के भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए उठाया गया है।
गिरफ्तारी और आगे की कार्रवाई
आशिष पांडे को सीबीआई ने वित्तीय अनियमितताओं के आरोप में हिरासत में लिया है और पूछताछ के दौरान कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। जांच में यह भी पता चला है कि घोष का कई अन्य प्रभावशाली व्यक्तियों से संबंध था, जो इस घोटाले में संलिप्त हो सकते हैं। सीबीआई अब इन सभी लोगों की जांच कर रही है और उनके बैंक खातों की भी जांच की जा रही है।
चिकित्सा शिक्षा प्रणाली पर सवाल
इस मामले ने राज्य की चिकित्सा शिक्षा प्रणाली पर भी गंभीर सवाल उठाए हैं। एक ओर जहां छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ किया गया, वहीं दूसरी ओर कॉलेज प्रशासन की निगरानी पर भी उंगली उठी है। इस घोटाले के बाद सरकार और चिकित्सा शिक्षा विभाग को भी कठोर कदम उठाने की जरूरत महसूस हो रही है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
आर. जी. कर मेडिकल कॉलेज का यह घोटाला राज्य की शिक्षा व्यवस्था पर एक काला धब्बा है। सीबीआई की जांच से यह साफ हो चुका है कि किस तरह पैसे के लालच में छात्रों का भविष्य दांव पर लगाया गया। अब देखने वाली बात यह है कि इस मामले में और कितने बड़े नाम सामने आते हैं और न्यायिक प्रक्रिया किस दिशा में आगे बढ़ती है।
CBI officials probing the case of financial irregularities at R.G. Kar Medical College & Hospital in Kolkata have got specific clues about how the former principal#SandipGhosh through his house staff #AshishPandey used to accept cash by leaking question paper to medical students… pic.twitter.com/Cu4U05Ueca
— The Statesman (@TheStatesmanLtd) October 6, 2024