Mon, 30 December 2024 12:10:01am
पश्चिम बंगाल के प्रतिष्ठित आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के 50 से अधिक सीनियर डॉक्टरों और फैकल्टी सदस्यों ने सामूहिक रूप से अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उनका दावा है कि अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे उनके साथी डॉक्टरों की हालत बिगड़ती जा रही है, जबकि सरकार उनकी गंभीर मांगों को अनदेखा कर रही है। आखिर क्या है इस इस्तीफे के पीछे की कहानी और क्यों यह मामला राज्य के स्वास्थ्य तंत्र के लिए खतरे की घंटी बन गया है, जानते हैं इस रिपोर्ट में।
विस्तृत रिपोर्ट:
आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल, जो पश्चिम बंगाल के सबसे प्रतिष्ठित मेडिकल संस्थानों में से एक है, अब एक बड़े विवाद के केंद्र में आ गया है। इस सप्ताह, 50 से अधिक सीनियर डॉक्टरों और फैकल्टी सदस्यों ने सामूहिक रूप से इस्तीफा देने का निर्णय लिया। यह इस्तीफे का कदम अस्पताल के कई जूनियर डॉक्टरों और अन्य मेडिकल स्टाफ की अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल के समर्थन में उठाया गया है, जिनकी सेहत लगातार बिगड़ती जा रही है।
डॉक्टरों का आरोप है कि सरकार इन भूख हड़ताल पर बैठे डॉक्टरों की मांगों पर ध्यान नहीं दे रही है, जिससे उनकी हालत लगातार खराब हो रही है। डॉक्टरों का यह भी कहना है कि यदि हालात ऐसे ही बने रहे, तो वे व्यक्तिगत रूप से भी इस्तीफा देने के लिए मजबूर हो जाएंगे।
सामूहिक इस्तीफा और भूख हड़ताल:
आरजी कर मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टरों का एक बड़ा समूह, जो पिछले कई दिनों से भूख हड़ताल पर है, सरकार के असंवेदनशील रवैये के विरोध में बैठा हुआ है। उनकी मांगें स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार, बेहतर कामकाजी परिस्थितियाँ और संस्थान में प्रशासनिक हस्तक्षेप कम करने से संबंधित हैं। भूख हड़ताल के चलते डॉक्टरों की हालत बिगड़ती जा रही है, जिसके कारण सीनियर डॉक्टरों ने यह कठोर कदम उठाया है।
इस्तीफा पत्र में दिए गए कारण:
सीनियर डॉक्टरों द्वारा दिए गए इस्तीफा पत्र में लिखा गया है कि, "भूख हड़ताल पर बैठे डॉक्टरों की सेहत दिन-प्रतिदिन खराब होती जा रही है, और सरकार इसे लेकर बिलकुल भी गंभीर नहीं दिख रही है। हम सरकार से आग्रह करते हैं कि वह जल्द से जल्द बातचीत के माध्यम से समाधान निकाले और भूख हड़ताल पर बैठे डॉक्टरों की स्थिति को सुधारने की दिशा में काम करे।"
सरकार की अनदेखी का आरोप:
डॉक्टरों का कहना है कि राज्य सरकार ने इस स्थिति को गंभीरता से नहीं लिया और उनका मानना है कि अगर सरकार ने समय रहते इन मुद्दों का समाधान नहीं किया, तो पूरे अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह से प्रभावित हो सकती हैं। सीनियर डॉक्टरों का यह कदम मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के कामकाज को बुरी तरह प्रभावित कर सकता है, जिससे मरीजों के इलाज पर भी असर पड़ेगा।
स्वास्थ्य तंत्र पर पड़ रहा दबाव:
यह स्थिति न केवल अस्पताल प्रशासन के लिए, बल्कि राज्य के पूरे स्वास्थ्य तंत्र के लिए भी चिंता का विषय बन गई है। डॉक्टरों की हड़ताल और इस्तीफे के चलते कई विभागों में कामकाज प्रभावित हो रहा है, और मरीजों को आवश्यक उपचार नहीं मिल पा रहा है। यदि यह विरोध जारी रहा, तो आने वाले दिनों में स्थिति और गंभीर हो सकती है।
मांगें और समाधान:
डॉक्टरों की मुख्य मांगें अस्पताल में कामकाज की परिस्थितियों में सुधार, प्रशासनिक हस्तक्षेप में कमी और मेडिकल शिक्षा और ट्रेनिंग की गुणवत्ता में सुधार हैं। इन मुद्दों को हल करने के लिए डॉक्टरों ने सरकार से कई बार बातचीत की कोशिश की, लेकिन अब तक कोई ठोस समाधान नहीं निकल पाया है। डॉक्टरों का कहना है कि यदि उनकी मांगे नहीं मानी जाती हैं, तो वे आने वाले दिनों में और कठोर कदम उठाने पर मजबूर होंगे।
#Breaking: More than 50 faculty members & senior doctors of RG Kar Medical College & Hospital submit mass resignation. #RGKarincident pic.twitter.com/39txzzpZNf
— Pooja Mehta (@pooja_news) October 8, 2024
मरीजों पर प्रभाव:
इस विरोध और इस्तीफे के चलते अस्पताल में भर्ती मरीजों पर भारी असर पड़ रहा है। ओपीडी सेवाएं ठप हैं, और सर्जरी जैसे महत्वपूर्ण कार्य भी स्थगित किए जा रहे हैं। मरीजों और उनके परिजनों के बीच चिंता का माहौल है, क्योंकि उन्हें इलाज के लिए अन्य अस्पतालों का सहारा लेना पड़ सकता है।
सरकार की प्रतिक्रिया:
अब तक राज्य सरकार की ओर से कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालाँकि, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कहा है कि वे स्थिति पर नजर रख रहे हैं और जल्द ही कोई समाधान निकालने की कोशिश की जाएगी। लेकिन डॉक्टरों का कहना है कि अगर सरकार ने तुरंत कार्रवाई नहीं की, तो यह संकट और भी गंभीर हो सकता है।
आरजी कर मेडिकल कॉलेज के 50 से अधिक डॉक्टरों का सामूहिक इस्तीफा राज्य के स्वास्थ्य तंत्र के लिए गंभीर चुनौती बनकर उभरा है। यदि इस स्थिति का समाधान नहीं निकाला गया, तो आने वाले दिनों में पश्चिम बंगाल के स्वास्थ्य सेवाओं पर गंभीर असर पड़ सकता है। सरकार को जल्द से जल्द इस मुद्दे पर ध्यान देकर डॉक्टरों की मांगों को पूरा करने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे, ताकि स्वास्थ्य सेवाओं का कार्य सामान्य हो सके।
Senior Doctors working in RG Kar Medical College and Hospital have given mass resignation in solidarity with the movement #JusticeForRGKar #RGKarProtest #MedTwitter pic.twitter.com/HFDMydKYEt
— Dr. Abhinaba Pal (@abhinabavlogs) October 8, 2024