Mon, 30 December 2024 12:06:54am
मेडिकल की पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए एक बड़ा और अहम बदलाव होने जा रहा है। केंद्र सरकार ने देशभर के प्रमुख चिकित्सा संस्थानों को एक साझा नेटवर्क में जोड़ते हुए छात्रों को एक साथ पढ़ाई का सुनहरा अवसर प्रदान किया है। इस नई पहल के तहत मेडिकल छात्रों को 3D एनिमेशन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) जैसी अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग करके चिकित्सा शिक्षा दी जाएगी, जिससे पढ़ाई का अनुभव और भी उन्नत और उपयोगी हो जाएगा।
पूरे देश के 19 एम्स में एक साथ पढ़ाई का मौका:
केंद्र सरकार द्वारा लिए गए इस ऐतिहासिक फैसले के तहत अब मेडिकल छात्रों को एक साथ देशभर के 19 एम्स (ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज) में पढ़ाई का मौका मिलेगा। इस पहल का उद्देश्य छात्रों को गुणवत्तापूर्ण और विश्व स्तरीय चिकित्सा शिक्षा प्रदान करना है, जिसमें आधुनिक तकनीकों का उपयोग होगा। इसके तहत छात्रों को 3D एनिमेशन के जरिए मानव शरीर की संरचना और बीमारियों के बारे में सटीक जानकारी मिलेगी।
दिल्ली एम्स बनेगा नोडल केंद्र:
इस नई पहल के तहत दिल्ली स्थित एम्स को नोडल केंद्र बनाया गया है, जो ई-लर्निंग से जुड़ी पाठ्य सामग्री का प्रबंधन करेगा। दिल्ली एम्स का मुख्य कार्य होगा कि वह सभी केंद्रीय चिकित्सा संस्थानों के लिए सामग्री तैयार करे और उसे एक साथ सभी एम्स में उपलब्ध कराए। इस स्मार्ट क्लासरूम तकनीक के तहत छात्रों को रियल-टाइम में वीडियो और एनिमेशन के माध्यम से पढ़ाई करवाई जाएगी।
स्मार्ट क्लासरूम और ई-लर्निंग से होगी पढ़ाई:
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त निदेशक दिनेश कुमार के मुताबिक, एक विशेष समिति की सिफारिश के आधार पर यह निर्णय लिया गया है कि चिकित्सा शिक्षा को स्मार्ट क्लासरूम के रूप में बढ़ावा दिया जाए। इस पहल के तहत 3D एनिमेशन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी तकनीकों का उपयोग करते हुए पढ़ाई की जाएगी, जिससे छात्रों को जटिल बीमारियों और उपचार की प्रक्रियाओं को समझने में मदद मिलेगी। यह तकनीक छात्रों के लिए एक इंटरैक्टिव और प्रभावी शिक्षा का माध्यम साबित होगी।
50 केंद्रीय चिकित्सा संस्थानों पर लागू होगी योजना:
यह योजना सिर्फ एम्स ही नहीं बल्कि अन्य प्रमुख केंद्रीय चिकित्सा संस्थानों पर भी लागू की जाएगी। इस पहल के अंतर्गत देशभर के 50 प्रमुख अस्पतालों को शामिल किया गया है, जिसमें चंडीगढ़ स्थित पीजीआई, बंगलूरू का निम्हांस, पांडिचेरी का जेआईपीएमईआर, दिल्ली के सफदरजंग, आरएमएल, और लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज शामिल हैं। इन सभी संस्थानों में मेडिकल छात्रों को एक साथ आधुनिक तकनीकों से पढ़ाया जाएगा।
पाठ्यक्रम में बदलाव और भविष्य की योजनाएं:
हाल ही में राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग ने भी चिकित्सा के पाठ्यक्रम में बदलाव किया है। इस बदलाव के तहत, चिकित्सा शिक्षा को और अधिक डिजिटल और इंटरएक्टिव बनाने के लिए विभिन्न सिफारिशें दी गई हैं। इसमें 3D एनिमेशन और एआई का व्यापक उपयोग किया जाएगा। इस पहल के अगले 2-3 सालों में देश के सभी 50 केंद्रीय चिकित्सा संस्थानों को एक साथ जोड़ने की योजना है।
विश्व स्तरीय चिकित्सा शिक्षा का सपना होगा साकार:
सरकार की यह पहल देश के चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ी क्रांति साबित हो सकती है। विश्व स्तरीय चिकित्सा शिक्षा को सुलभ बनाने के उद्देश्य से सरकार का यह कदम छात्रों के लिए एक सुनहरा अवसर प्रदान करेगा। इस तकनीक से न केवल छात्रों की पढ़ाई का स्तर उन्नत होगा, बल्कि उनकी क्लिनिकल स्किल्स और पेशेवर अनुभव भी और अधिक प्रैक्टिकल हो सकेगा।
केंद्र सरकार की यह योजना छात्रों के लिए एक बड़ी सौगात साबित होगी। इससे मेडिकल छात्रों को न केवल उच्च गुणवत्ता की शिक्षा मिलेगी, बल्कि वे नई-नई तकनीकों का भी गहन अध्ययन कर सकेंगे। यह पहल भारत के चिकित्सा शिक्षा क्षेत्र में एक मील का पत्थर साबित हो सकती है, जो न केवल छात्रों को बल्कि पूरे स्वास्थ्य क्षेत्र को एक नई दिशा प्रदान करेगी।