Mon, 30 December 2024 12:05:19am
कोलकाता में एक महिला ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए दुष्कर्म और हत्या के मामले ने चिकित्सा समुदाय को झकझोर कर रख दिया है। इस घटना के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे जूनियर डॉक्टर अब न्याय की मांग करते हुए भूख हड़ताल पर हैं, जिनमें से कई की हालत बिगड़ चुकी है। शनिवार को एक और जूनियर डॉक्टर को तबीयत बिगड़ने के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया। आइए जानते हैं इस मामले की पूरी जानकारी और अब तक की घटनाओं पर एक नज़र डालते हैं।
कोलकाता की हृदय विदारक घटना:
उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के जूनियर डॉक्टर अनुस्तुप मुखर्जी, जो महिला डॉक्टर के साथ हुए हादसे के विरोध में आमरण अनशन पर बैठे थे, उनकी तबीयत शनिवार शाम को अचानक खराब हो गई। उनके मल से खून निकलने और पेट में गंभीर दर्द की शिकायत के बाद उन्हें तुरंत कोलकाता मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहाँ वह अपने मेडिकल की पढ़ाई भी कर रहे हैं।
मुखर्जी तीसरे डॉक्टर हैं जिन्हें इस आंदोलन के दौरान तबीयत बिगड़ने पर अस्पताल ले जाया गया है। इससे पहले, उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज के एक अन्य डॉक्टर, आलोक वर्मा, को भी स्वास्थ्य बिगड़ने पर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। भूख हड़ताल पर बैठे इन डॉक्टरों का कहना है कि राज्य सरकार उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दे रही है, जिससे उनकी सेहत पर बुरा असर पड़ रहा है।
आंदोलन की शुरुआत और मांगें:
जूनियर डॉक्टरों ने 5 अक्टूबर को कोलकाता के एस्प्लेनेड क्षेत्र में अपना आमरण अनशन शुरू किया। यह आंदोलन उस समय शुरू हुआ जब आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज की एक महिला चिकित्सक की हत्या और दुष्कर्म के मामले में न्याय की मांग उठी। डॉक्टरों ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग उनकी मांगों को नजरअंदाज कर रही है। वे न केवल दोषियों को सज़ा दिलाने की मांग कर रहे हैं, बल्कि स्वास्थ्य सचिव एन.एस. निगम को तत्काल हटाने की भी अपील कर रहे हैं।
जूनियर डॉक्टरों ने राज्य के सभी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों के लिए केंद्रीकृत रेफरल प्रणाली, खाली बिस्तर की निगरानी प्रणाली, और कार्यस्थलों पर सीसीटीवी कैमरों की स्थापना जैसी मांगों को भी सामने रखा है। उनका कहना है कि सरकार को तुरंत इन मांगों पर ध्यान देना चाहिए ताकि चिकित्सा व्यवस्था में सुधार हो सके और मरीजों के लिए बेहतर सुविधाएं मुहैया कराई जा सकें।
प्रदर्शनकारियों की स्थिति:
इस भूख हड़ताल के दौरान अब तक कई डॉक्टरों की तबीयत बिगड़ चुकी है। अनुस्तुप मुखर्जी के अलावा अनिकेत महतो को भी गंभीर हालत में आईसीयू में भर्ती कराया गया था। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि सरकार की लापरवाही के कारण ही उनकी हालत इस कदर बिगड़ रही है। उनका कहना है कि सरकार ने अभी तक उनकी मांगों पर ठोस कदम नहीं उठाया है, और यदि जल्द ही कुछ नहीं किया गया तो स्थिति और बिगड़ सकती है।
सरकार की प्रतिक्रिया और आगे का रास्ता:
अब तक राज्य सरकार की ओर से कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया गया है, जिससे डॉक्टरों में गहरा असंतोष है। हालांकि, राज्य सरकार ने डॉक्टरों की मांगों पर विचार करने का संकेत दिया है, लेकिन कोई भी ठोस फैसला या घोषणा अब तक नहीं की गई है। सरकार की निष्क्रियता के कारण प्रदर्शनकारियों में रोष बढ़ता जा रहा है।
कोलकाता में एक महिला ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए जघन्य अपराध और उसके बाद के न्याय की मांग के लिए डॉक्टरों का यह आंदोलन चिकित्सा समुदाय में गहरी चिंता का विषय बन गया है। भूख हड़ताल पर बैठे जूनियर डॉक्टरों की बिगड़ती हालत और सरकार की धीमी प्रतिक्रिया ने स्थिति को और संवेदनशील बना दिया है। सरकार और संबंधित अधिकारियों को जल्द से जल्द इस मुद्दे का हल निकालना चाहिए ताकि न केवल प्रदर्शनकारी डॉक्टरों की जान बचाई जा सके, बल्कि राज्य की चिकित्सा व्यवस्था में भी सुधार हो सके।
#WATCH | RG Kar Rape-Murder Case: Junior doctors continue their hunger strike for justice
— DD India (@DDIndialive) October 13, 2024
The third medic on fast has been rushed to the hospital.
DD India's correspondent Prasenjit Bakshi provides more details on the situation@Imabhimahajan #kolkata #Kolkatadoctor… pic.twitter.com/9wSQ96N0FO