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बैंक धोखाधड़ी मामले में दीवान सिंह राठौड़ को मिली राहत: न्यायालय ने किया दोषमुक्त



अजय त्यागी 2024-12-16 10:51:09 स्थानीय

बीकानेर न्यायालय परिसर - Photo : Internet
बीकानेर न्यायालय परिसर - Photo : Internet
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अलवर जिले के बानसूर तहसील के निवासी दीवान सिंह राठौड़ को बैंक धोखाधड़ी के आरोपों से न्यायालय ने दोषमुक्त कर दिया है। विशिष्ट न्यायिक मजिस्ट्रेट संख्या 3 बीकानेर, ललित कुमार आर जे एस की अदालत ने 4 दिसंबर 2024 को यह महत्वपूर्ण निर्णय सुनाया।

मामले की पृष्ठभूमि: झूठे आरोपों का सामना
दीवान सिंह राठौड़ और उनके संयुक्त खाता धारक रामधन गुप्ता पर आरोप था कि उन्होंने अपने भाई गणेशी लाल के साथ मिलकर भारतीय स्टेट बैंक, बीकानेर में 25,50,000 रुपये की राशि का चेक धोखाधड़ी से प्रस्तुत किया। यह चेक 27 अगस्त 2006 को जारी किया गया था और बाद में अनादरित कर दिया गया था।

न्यायालय का निर्णय: दोषमुक्ति की घोषणा
न्यायालय ने दीवान सिंह राठौड़ को सभी आरोपों से मुक्त करते हुए कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपों को साबित करने में असफल रहा। अदालत ने यह भी माना कि दीवान सिंह पर लगाए गए आरोप झूठे थे और उनके खिलाफ कोई ठोस साक्ष्य नहीं थे।

वकील की भूमिका: तेजकरण राठौड़ की सराहनीय पैरवी
दीवान सिंह राठौड़ की ओर से अधिवक्ता तेजकरण राठौड़ ने प्रभावी पैरवी की, जिससे न्यायालय ने उनके पक्ष में निर्णय सुनाया। तेजकरण राठौड़ की मेहनत और कानूनी विशेषज्ञता ने इस मामले में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

न्याय की जीत और सत्य की प्रतिष्ठा
इस फैसले से यह स्पष्ट होता है कि न्यायालय साक्ष्यों और तथ्यों के आधार पर निर्णय लेते हैं, और निर्दोष व्यक्तियों को न्याय मिलता है। दीवान सिंह राठौड़ की निर्दोषता साबित होने से उनके सम्मान की बहाली हुई है।


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